मप्र में 67 शासकीय सेवकों के खिलाफ अभियोजन
भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के मामलों में लोकायुक्त संगठन एवं आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो को 67 अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति दी गई है।
शासकीय सेवकों के भ्रष्टाचार संबंधी मामलों की निरंतर समीक्षा के लिए प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा की अध्यक्षता में गठित की गई समिति की बैठक में भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों में 67 शासकीय सेवकों के विरुद्ध अभियोजन कार्रवाई की समीक्षा की।
समिति ने सचिव वित्त विभाग को निर्देश दिए हैं कि लोकायुक्त संगठन से संबंधित अभियोजन के लंबित प्रकरणों की सूची में उल्लेखित बैंक आफ इंडिया एवं इलाहाबाद बैंक से संबंधित प्रकरणों में लोकायुक्त संगठन को इन प्रकरणों के बारे में भारत सरकार के वित्त मंत्रालय से पत्र व्यवहार करने को कहा जाए।
लोकायुक्त संगठन को राज्य शासन द्वारा जिन 62 अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति दी गई है, उनमें 3 जल-संसाधन विभाग के, 10 सामान्य प्रशासन, 7 नगरीय प्रशासन एवं विकास, 3 वन, एक परिवहन, 3 पंचायत एवं ग्रामीण विकास, 8 गृह [पुलिस], 2 आदिम-जाति एवं अनुसूचित-जाति कल्याण, 2 किसान कल्याण एवं कृषि विकास, 2 राजस्व, एक सामान्य प्रशासन [कार्मिक], 2 स्कूल शिक्षा, एक लोक स्वास्थ्य यात्रिकी, 2 सहकारिता, एक-एक पशुपालन व उद्योग विभाग के, 3 बैंकों के, एक मध्य प्रदेश विद्युत मंडल जबलपुर का, 6 खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के एवं एक नागरिक आपूर्ति निगम के साथ ही नरसिंहपुर कलेक्टर कार्यालय एवं अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व, शुजालपुर का एक-एक सेवक शामिल है।
इसके अलावा राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो को जिन 5 शासकीय सेवकों के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति दी गई है, उनमें लोक निर्माण विभाग, गृह [पुलिस], पंचायत एवं ग्रामीण विकास, सहकारिता एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के एक-एक शासकीय सेवक शामिल हैं।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।