रोगी, पीड़ित की सेवा करने वाला होता है धन्य : निर्मल मुनि
जासं, मानसा जो रोगी, पीड़ित, दुखी व वृद्ध की सेवा करता है, वह मनुष्य धन्य है। यह बात जैन संत निर्म
जासं, मानसा
जो रोगी, पीड़ित, दुखी व वृद्ध की सेवा करता है, वह मनुष्य धन्य है। यह बात जैन संत निर्मल मुनि ने कही। एसएस जैन सभा में प्रवचन दौरान वीरवार को संत मुनि ने कहा कि जो अहंकार व महिमा में ग्रस्त है वह सेवा की प्रेरणा नहीं दे सकता। उनके अनुसार सेवा करने वाला भगवान की आज्ञा का पालन ही तो कर रहा है।
उन्होंने कहा कि सेवा करने वाले को चार चीजें निश्चित प्राप्त होती हैं। उसकी आयु बढ़ती है, क्योंकि सेवा करने वाले को लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है। दूसरा विद्या प्राप्त होती है, क्योंकि गुरुजनों की सेवा से गुरु पूरा ज्ञान शिष्य को प्रसन्न होकर दे देता है। सेवा करने वाले का यश बढ़ता है, जैसे सेवा देखकर सभी लोग उसकी सराहना करते हैं जिससे यश फैलता है। चौथा सेवा से बल मिलता है जैसे सेवा कार्य करने वाले को राहत मिलती है आशीर्वाद द्वारा बल मिलता है। सेवा वही करेगा जिसके मन में दया, करुणा होगी। सेवा करने वाला विनम्र होगा। सेवा का उपदेश देने वाले बहुत मिलेंगे, लेकिन स्वयं सेवा करने वाले बहुत कम मिलते हैं। सेवा करने वाले के जीवन में सदा मंगल रहता है, जबकि दूसरों को दुख देने वाले को पूजा व माला का लाभ भी नहीं मिलता है। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
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