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    विपरीत नौकासन आसन कर शरीर को फिट रखें

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 26 Sep 2020 02:21 AM (IST)

    कोरोना महामारी के दौरान हर कोई खुद को फिट रखना चाहता है। फिट रखने की चाह रखने वालों के लिए योग में विपरीत आसन जरूर करना चाहिए।

    विपरीत नौकासन आसन कर शरीर को फिट रखें

    जागरण संवाददाता, लुधियाना : कोरोना महामारी के दौरान हर कोई खुद को फिट रखना चाहता है। फिट रखने की चाह रखने वालों के लिए योग में विपरीत आसन जरूर करना चाहिए। योग गुरु संजीव त्यागी के अनुसार विपरीत नौकासन को पीठ के बल लेटकर किया जाता है। विपरीत नौकासन संस्कृत के तीन शब्दों से मिलकर बना है विपरीत, नौका व आसन। नौकासन के लाभ : यह आसन शरीर को बलवान और दृढ़ बनाता है। यौन रोग व कमजोरी को दूर करता है। इससे पेट व कमर का मोटापा दूर होता है। नेत्र ज्योति में भी यह आसन लाभदायक है। शरीर में आलस को दूर करने के लिए यह आसन बहुत अच्छा है। डिस्क, कमर दर्द में आराम देता है। सिर दर्द में भी राहत देता है।

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    कैसे करें नौकासन

    इस आसन को करने के लिए जमीन पर योगा मैट बिछा लें और पेट के बल सीधा लेटते हुए पहले मकरासन में लेट जाएं। फिर दोनों हाथों को सामने फैलाएं और हथेलियों को भूमि पर अच्छे से टिकाएं । दोनों पैरों में नितम्ब जितना फासला रख लें और सीधे रहें। पंजे पीछे की ओर तने हुए होने चाहिए। अब धीरे-धीरे दोनों हाथों को गर्दन, छाती को नाभि तक और पैरों को आकाश की ओर ऊपर उठाएं। ध्यान रखें पैर सीधे रहें, गर्दन ज्यादा उपर न हों, कंधों तक हो और सामने की ओर देखें शरीर का भार पेट पर होना चाहिए। 15 से 30 सेकेंड तक आसन में बने रहें और धीरे-धीरे वापस आते हुए आराम करें। जिन लोगों को मेरुदंड और पेट संबंधी कोई गंभीर रोग हो, वह यह आसन न करें। आसन को केवल खाली पेट ही करें। हाई ब्लड प्रेशर वाले भी यह आसन न करें।