Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    उत्तान पादासन करें, कई बीमारियों से बचें

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 10 Sep 2020 01:09 AM (IST)

    उत्तान पादासना चार शब्दों से उत का अर्थ उठा तान का अर्थ खींचा ओर पाद का अर्थ पैर आसन का अर्थ मुद्रा । जिसका तात्पर्य उठा हुआ खींचा गया पैर में बने रहना ।

    उत्तान पादासन करें, कई बीमारियों से बचें

    लुधियाना : उत्तान पादासना चार शब्दों से उत का अर्थ उठा, तान का अर्थ खींचा ओर पाद का अर्थ पैर, आसन का अर्थ मुद्रा । जिसका तात्पर्य उठा हुआ खींचा गया पैर में बने रहना । इस आसन में पीठ के बल लेट के पैरों को उपर की ओर उठाया हुआ है इसलिए इसे यह नाम दिया है। इसके अभ्यास से पेट और छाती का थुलथुलापन, पेडू का भद्दापन दूर हो जाता है। साथ में स्नायुओं को बड़ा बल मिलता है जिससे कद बढ़ता है। पेट का मोटापा दूर करके पेट की आंतें सु²ढ़ कर पाचन शक्ति को बढ़ाता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से गैस और अपच का नाश, पूराने से पुराना कब्ज का रोग दूर होता है और खूब भूख लगती है। उदर संबंधी अनेक रोक नष्ट होते हैं। नाभि केंद्र जो बहत्तर हजार नाड़ियों का केंद्र है। उसे ठीक करने के लिए उत्तान पादासन सर्वश्रेष्ठ है। रीढ़ की हड्डी के लिए भी बहुत अच्छा आसन है हर वर्ग के लोग इस आसन को कर सकते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    (जैसा कि योग गुरु व एवरेस्ट योग इंस्टीटयूट के निदेशक संजीव त्यागी ने बताया) ------

    उत्तान पादासन की विधि

    जमीन पर योगा मेट बिछा लें ओर मेट पर सीधे पीठ के बल भूमि पर लेट जाएं। दोनों हथेलियों को जांघों के साथ भूमि पर स्पर्श करने दें। दोनों पैरों के घुटनों, एड़ियों और अंगूठों को आपस में सटाएं रखें और टांगें तानकर रखें। अब श्वास भरते हुए दोनों पैरों को मिलाते हुए धीमी गति से 45 , 60 ओर 90 डिग्री कोण पर ले आएं ओर वहीं पर रुकने का प्रयास करें ओर श्वास जितनी देर आसानी से रोक सकें उतनी देर तक पैर ऊपर रखें। फिर धीरे-धीरे श्वास छोड़ते हुए पांव नीचे लाकर बहुत धीरे से भूमि पर रख दें और शरीर को ढीला छोड़कर शवासन करें।

    -------

    सावधानी : जब कमर में दर्द तथा मांसपेशियों में ऐंठन की शिकायत हो, उस समय इस आसन का अभ्यास नहीं करें। गर्भावस्था के दौरान महिलाएं अभ्यास न करें। यदि 90 डिग्री कोण तक नहीं उठा पा रहे तो कोई बात नहीं जहां तक उठा सके वहीं पर रुकने का प्रयास करें , पैरों को उठाने में यदि तकलीफ हो रही हो तो हाथों को नितंबों के नीचे रख कर सपोर्ट दे सकते हैं।