Punjab Weather Alert: सूबे में दिखा Cyclone Tauktae का असर, कई जिलों में बूंदाबांदी, दिन का तापमान लुढ़का
Cyclone Tauktae चक्रवाती तूफान टाक्टे का प्रभाव बुधवार को पंजाब पर भी पड़ा है। सूबे के कई जिलों में तेज हवाएं बादलों और बूंदाबांदी की वजह से दिन का तापमान सामान्य से दस से बारह डिग्री सेलिसयस कम रिकार्ड किया गया।

लुधियाना, जेएनएन। Cyclone Tauktae चक्रवाती तूफान टाक्टे का प्रभाव पंजाब में आज भी देखने को मिलेगा। इसका असर बुधवार को पंजाब पर भी पड़ा। सूबे के कई जिलों में तेज हवाएं, बादलों और बूंदाबांदी की वजह से दिन का तापमान सामान्य से दस से बारह डिग्री सेलिसयस कम रिकार्ड किया गया। इससे लोगों ने गर्मी से राहत महसूस की। विभाग की प्रमुख डॉ. प्रभजोत कौर सिद्धू ने कहा कि पंजाब में एक तो लो प्रेशर सिस्टम बना हुआ है। तूफान टाक्टे गुजरात व राजस्थान से होते हुए हरियाणा पंजाब की तरफ बढ़ गया है।
इसके प्रभाव की वजह से दक्षिण की तरफ से हवाएं आ रही हैं। वह हवाएं जब आ रही हैं। इसकी तूफान की तीव्रता बहुत तेज है। इतनी तेज हवाएं जब आती हैं तो उसमें बहुत ज्यादा नमी होती है। इसी कारण बुधवार को पंजाब के कई जिलों में बादल छाए रहे औंर बूंदाबांदी हुई। इससे अधिकतम तापमान 10 से 12 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है।
आज चल सकती हैं पंजाब में तेज हवाएं
भारतीय मौसम विभाग, चंडीगढ़, के अनुसार अमृतसर में अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जो कि सामान्य से 7 डिग्री कम था। लुधियाना में अधिकतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो कि सामान्य से 11 डिग्री कम था। इसी तरह बठिंडा में अधिकतम तापमान 27.2 डिग्री रहा जो कि सामान्य से 12 डिग्री कम था। वहीं, पटियाला में अधिकतम तापमान 27.5 डिग्री सेल्सिययस रहा जो कि सामान्य से 12 डिग्री कम रहा। डा. सिद्धू ने कहा कि वीरवार या शुक्रवार तक टाक्टे के प्रभाव की वजह से पंजाब में तूफान जैसी स्थिति पैदा हाे सकती है। सूबे में धूल भरी तेज हवाएं चल सकती हैं।
कैसे पड़ा तूफान का नाम टाक्टे
इस बार इस तूफान का नाम म्यामांर ने रखा है। म्यामांर में टाक्टे का मतलब छिपकली होता है। बताया जा रहा है कि जिस तरह से छिपकली धीरे-धीरे चलती है और अचानक से अपने शिकार पर हमला कर देती है उसी तरह से तूफान धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है और अचानक से नुकसान पहुंचा रहा है। इसी वजह से इस तूफान का नाम टाक्टे रखा गया है। अगले 48 घंटे में इस तूफान के और भी भीषण परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
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