Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भूखे भजन न होय गोपाला: कुमार स्वामी

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 02 Jun 2019 06:32 AM (IST)

    मॉडल टाउन एक्सटेंशन स्थित भगवान श्री लक्ष्मी नारायण धाम मंदिर में साप्ताहिक सत्संग करवाया गया।

    भूखे भजन न होय गोपाला: कुमार स्वामी

    जेएनएन, लुधियाना : मॉडल टाउन एक्सटेंशन स्थित भगवान श्री लक्ष्मी नारायण धाम मंदिर में साप्ताहिक सत्संग के दौरान महामंडलेश्वर ब्रह्मार्षि कुमार स्वामी द्वारा भेजे गए संदेश को पढ़ कर सुनाया गया। उन्होंने संदेश में कहा कि संसार से पलायन करने मात्र से ही सार तत्व को नहीं जाना जा सकता। बड़े-बड़े ऋषि-मुनि जंगलों में भटकते रहे। कष्टों को उठाकर प्राकृतिक प्रकोपों को सहते हुए घोर तप से साधना करते रहे। लेकिन फिर भी वे सार तत्व को नहीं जान पाए, उन्हें ब्रह्मज्ञान नहीं हुआ। जब वे जंगलो ंसे वापस जगत में आए तब उन्होंने भोग, वासना, धर्म, काम आदि को जाना और फिर उन्हें ज्ञान हुआ कि मोक्ष क्या है? उन्होंने जगत में रहकर भी सब अनुभव किया। महात्मा बुद्ध इसके ज्वलंत उदाहरण है। वे जानना चाहते थे कि मनुष्य बीमार क्यों होता है? मृत्यु क्यों होती है? इसके लिए वे बड़े-बड़े ऋषियों-मुनियों की शरण में गए, घोर तप किया और शरीर को सुखा दिया। यहां तक कि वे भूमि पर गिर पड़े। तब एक सुजाता नाम की बहन नें उन्हें खीर खिलाई और आत्मज्ञान दिया की जब शरीर ही गिर गया तो ज्ञान किससे पाओगे? जब तक जगत में रहकर दुख-दर्द को नहीं भोगोगे तो कारण कैसे ज्ञात होगा। जब शरीर में भूख होगी तो भजन कैसे होगा- भूखे भजन न होय गोपाला। इसके बाद उन्होंने इस विषय पर मंथन किया और वे दुख से भरे भवसागर को पार करने के लिए मध्यम मार्ग को जान पाए। औरों के लिए जीना मुश्किल

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सुख के लिए व अपने परिवार के लिए जीना सभी जानते है। मनुष्य ही नहीं जानवर भी ऐसा करते है लेकिन औरों के लिए, जगत के लिए जीना बहुत ही मुश्किल कार्य है। इसके बाद भी कोई सम्मान नहीं मिलता, बुराई ही मिलती है। मनुष्य किसी भी कार्य को करने से पहले हर पहलू पर विचार करता है कि इसे करने से क्या लाभ और हानि होगी।