ट्रंप के टैरिफ वार से पंजाब के व्यापारियों पर संकट, 3000 करोड़ से ज्यादा का कारोबार हो सकता है प्रभावित
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वार से पंजाब के तीन हजार करोड़ के सालाना कारोबार पर संकट आ गया है। ट्रंप द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ से निर्यातकों की नींद उड़ गई है। कारोबारी अभी वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं और केंद्र सरकार के रुख का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि टैरिफ लागू होने से पहले इसमें संशोधन होगा।

मुनीश शर्मा, लुधियाना। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वार से पंजाब के तीन हजार करोड़ के सलाना कारोबार पर संकट के बादल छा गए हैं। भले ही इसको लेकर अभी तरह-तरह के क्यास लगाए जा रहे हैं और इसे ट्रंप द्वारा भारत के साथ की जा रही ट्रेड वार का हिस्सा माना जा रहा है। लेकिन अब ट्रंप की ओर से लगाए गए 50 प्रतिशत के टैरिफ ने निर्यातकों की नींद उड़ा दी है।
इसका असर शुरुआती दौर में आना स्वभाविक है, लेकिन इसको लेकर कारोबारी अभी वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं कि इसको लेकर केन्द्र सरकार की ओर से क्या रूख तय किया जाता है। इसके बाद ही कारोबारी इस घाटे की भरपाई के लिए प्रयासों में जुटेंगे। अभी इस टैरिफ को लागू होने तक इसमें संशोधन होने की कारोबारियों को उम्मीद है। लेकिन इस स्थिति को देखते हुए निर्यातक अमेरिकी कंपनियों के साथ राफ्ता रख रहे हैं।
कुछ समय के लिए अब प्रोडक्शन प्रोसेस को भी कम किया जा सकता है। क्योंकि जब तक स्थिति स्पष्ट नहीं होती, तब तक कारोबार कम होने का भी अनुमान है। पंजाब कॉरपोरेट ने अभी वेट एवं वॉच की स्थिति पर काम करने पर मंथन बैठकों को आरंभ कर दिया है। तीस हजार करोड़ के सलाना कारोबार को एकदम से किसी अन्य देश की ओर शिफ्ट करना भी आसान बात नहीं, लेकिन कारोबारियों को अब केन्द्र सरकार द्वारा यूके की तर्ज पर अन्य देशों के साथ भी व्यापार समझौते जैसे नए अवसर तलाशने की उम्मीद है।
पंजाब से तीस हजार करोड़ के अहम उत्पाद होते है निर्यात
पंजाब से अमेरिका को होने वाला निर्यात तीस हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है। इस शुल्क का असर पंजाब के परिधान क्षेत्र पर पड़ेगा क्योंकि पंजाब अमेरिका को लगभग 8,000 करोड़ रुपये के परिधान निर्यात करता है। फास्टनर का निर्यात 2,000 करोड़ रुपये, इलेक्ट्रिकल मशीन टूल्स का 5,000 करोड़ रुपये, ऑटो पार्ट्स और हैंड टूल्स का 4,000 करोड़ रुपये, चमड़ा उत्पाद का 5,00 करोड़ रुपये, खेल के सामान का 3,00 करोड़ रुपये और कृषि उपकरणों का 200 करोड़ रुपये का निर्यात बुरी तरह प्रभावित होगा।
ट्राइडेंट का चार हजार करोड़ का अमेरिकी कारोबार
ट्राइडेंट ग्रुप के चेयरमैन और पदमश्री रजिंदर गुप्ता ने कहा कि ट्राइडेंट का अमेरिका के साथ चार हजार करोड़ रुपये का कारोबार है। कंपनी की ओर से अभी इसको लेकर मंथन किया जा रहा है और कुछ उत्पादों में इस टैरिफ के लग जाने से प्रभाव आना स्वभाविक है। लेकिन अभी कंपनी वेट एवं वॉच की स्थिति में हैं। उम्मीद है कि कुछ समय के बाद यह समस्या का समाधान हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीति पर पूरा विश्वास है।
अमेरिका की ओर से पचास प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद हर देश के लिए अब यह एक नया व्यापारिक विकल्प खुल गया है। भले ही यह कुछ समय के लिए एक व्यापारिक तरीका हो सकता है। लेकिन इससे सबक लेकर कंपनियों और सरकार के आने वाले भविष्य की बेहतर कल्पना को काम करना होगा। अभी स्थिति के अनुकूल होने तक भारतीय निर्यातकों के लिए कठिन दौर है और इसका प्रभाव आने भी लाजमी है। -वरिंदर गुप्ता, चेयरमैन, आईओएल कैमिकल
किसी भी कारोबार से पहले देशहित सबसे उपर रहता है। इसलिए अगर कुछ समय के लिए टैरिफ के चलते असर देखने को मिल रहा है, तो हमें इससे घबराने की जरूरत नहीं है। अमेरिका में भी इससे महंगाई बढ़ेगी और टैरिफ में दोबारा संशोधन करना ही जरूरी होगा। जबकि अभी कुछ समय के लिए टैरिफ का असर तो देखने को मिलेगा। - पदमश्री ओंकार सिंह पाहवा, सीएमडी, एवन साइकिल लिमिटेड
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