Ludhiana Crime: अंतिम दर्शन करवाए बिना 9 माह के बच्चे को दफनाया, श्मशानघाट में दूध लेकर पहुंची मां
Ludhiana Crime लुधियाना में एक नाै माह के बच्चे की माैत के बाद जमकर बवाल हुआ। हैबोवाल की रहने वाली पूजा के ससुराल वालों ने उसके नौ माह के बेटे कालू की मौत के बाद अंतिम दर्शन तक नहीं करने दिए।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। कहते हैं कि मां की ममता से बढ़कर इस दुनिया में कुछ भी नहीं है। कुछ ऐसा ही मार्मिक दृश्य रविवार को लुधियाना के हैबोवाल इलाके में देखने को मिला। हैबोवाल की पूजा को जब ससुराल वालों ने उसके नौ माह के बेटे कालू की मौत के बाद अंतिम दर्शन तक नहीं करने दिए तो वह हाथ में दूध का कटोरा लिए वहां पहुंच गई, जहां उसके बच्चे को दफनाया गया था।
इतना ही नहीं, वह अपने बच्चे के लिए खिलौने व खाने-पीने के लिए अन्य सामान भी लेकर आई थी। वह पारिवारिक विवाद के कारण चार माह से अपने मायके में रह रही थी और बच्चा उसके ससुराल परिवार के पास था। अब पूजा का रो-रो कर बुरा हाल है। उसे जीवन भर यही मलाल रहेगा कि वह अपने बेटे को आखिरी बार भी नहीं देख पाई। वह बार-बार यही बात कह रही थी 'मेरे कालू, आखिरी बार मेरे हाथ से दूध तो पीकर चला जाता।'
घरवालाें की मर्जी के खिलाफ पूजा ने की थी शादी
दरअसल, हैबोवाल की रहने वाली पूजा ने तीन वर्ष पहले अपने घरवालों के विरुद्ध जाकर गोपाल नगर के रोहित के साथ प्रेम विवाह किया था। उधर, ससुराल परिवार भी शादी के बाद से ही उसे बहू के रूप में अपनाने के लिए तैयार नहीं था। इस कारण परिवार में अक्सर झगड़ा रहता था। पूजा का आरोप है कि चार माह पहले उसके ससुरालियों ने उसे घर से निकाल लिया था और उसका बच्चा भी उससे छीन लिया था। इसके बाद से वह मायके में ही रह रही थी। शनिवार को उसे बेटे की मौत की सूचना मिली थी, लेकिन उसे बेटे का मुंह तक नहीं दिखाया गया।
अस्पताल में बच्चा दिखाने को कहा तो हुई हाथापाई
पूजा के मामा विनोद कुमार का कहना है कि शनिवार को जैसे ही उन्हें बच्चे की मौत की खबर मिली तो वे पूजा और उसकी मां को लेकर उसके ससुराल गए थे। वहां पर उनसे मारपीट की गई और घर से निकाल दिया। इसके बाद वे शिकायत लेकर हैबोवाल थाने पहुंचे, तब भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। पुलिस ने उन्हें शाम पांच बजे तक थाने में यह कहकर बिठाए रखा कि वह उन्हें बेटे के अंतिम दर्शन जरूर करवाएंगे। मगर जब वह पांच बजे सिविल अस्पताल गए तो बच्चे को देखने तक नहीं दिया गया। उनसे कहा गया कि अब रविवार सुबह आ जाएं। रविवार सुबह जब वे सिविल अस्पताल पहुंचे तो उनसे पहले ही बच्चे के शव को पूजा के ससुरालियों को सौंप दिया गया था।
ससुरालियाें पर मारपीट का आराेप
पूजा ने रोते हुए बताया कि सिविल अस्पताल में रविवार को वह अपने बच्चे का मुंह देखने पहुंची तो ससुरालियों ने उससे मारपीट की। इस दौरान वह बिलखती रही, लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने भी उसे बच्चे से मिलाने के लिए कोई पहल तक नहीं की। इसके बाद वह सिविल अस्पताल की पुलिस चौकी के बाहर ही बैठ गई और उसे एक बार बच्चे का मुंह दिखाने की गुहार लगाई। काफी देर बाद थाना डिवीजन नंबर दो की प्रभारी अर्शप्रीत कौर ग्रेवाल मौके पर पहुंची। उन्होंने उसे यह कहकर श्मशानघाट में बुलाया कि उसे दिखाए बिना बच्चे को दफनाया नहीं जाएगा। हालांकि, जब वे श्मशानघाट पर पहुंचे तो बच्चे को दफनाया जा चुका था।
थाना प्रभारी बोलीं, कुछ गलत नहीं किया
पूजा का आरोप है कि जब उसका पति के साथ तलाक नहीं हुआ है तो उसका बच्चे पर पूरा हक था। पुलिसकर्मियों ने जानबूझकर उसे उलझाकर रखा। उससे बच्चे की अंतिम रस्मों में शामिल होने का हक उसे नहीं दिया गया। इस पर थाना हैबोवाल के प्रभारी इंस्पेक्टर सिमरनजीत कौर का कहना है कि हमने उससे कोई हक नहीं छीना है। उनकी तरफ से शिकायत दी गई है और हम उस पर कार्रवाई कर रहे हैं।