पटियाला के मंदिर में अनोखा बैंक, जमा होता है 'राम नाम', अब तक 250 भक्तों ने खुलवाया खाता
पटियाला के श्री राज राजेश्वरी शिव मंदिर में अनोखा बैंक है। यहां राम नाम जमा होता है। अब 250 राम भक्त इस बैंक खाता खुलवा चुके हैं। यहां भक्त कागज में राम नाम लिखकर इसे जमा करवाते हैं।

सुरेश कामरा, पटियाला। कहते हैं, 'राम से बड़ा राम का नाम।' राम सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि जीवन का ऐसा मंत्र है, जिससे जुड़ कर हम दुखों से पार पा सकते हैं। यह राम नाम की महिमा ही है कि भगवान शिव भी इसका जाप किया। धर्म ग्रंथों में उल्लेख है कि सूर्य, चंद्रमा, अग्नि, वायु सभी में जो शक्ति है वो सब राम नाम की है।
राम नाम की इसी शक्ति से लोगों को जोडऩे के लिए पटियाला शहर के श्री राज राजेश्वरी शिव मंदिर में एक अनोखा बैंक खुला है। नाम है राम नाम बैंक। यहां भक्तों का खाता खोला जाता है, लेकिन इसमें कैश, चेक या ड्राफ्ट जमा नहीं होता। जमा होता है तो सिर्फ राम नाम, जिससे लोग पुण्य कमाते हैं।
पटियाला के त्रिपड़ी टाउन की एक गली में स्थित श्री राज राजेश्वरी शिव मंदिर के पंडित नरेश कुमार बताते हैं कि उनका उद्देश्य लोगों को राम नाम से जोड़ना और उन्हें इसकी महिमा से अवगत करवाना है। वे कहते हैं, 'धन को तो आप जीवन में ही इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन राम नाम साथ जाता है। इससे सुख, समृद्धि और आनंद प्राप्त होता है।' करीब दो महीने पहले खुले इस बैंक में अब तक 250 लोग खाता खुलवा चुके हैं। मंदिर के बाहर राम नाम बैंक का बोर्ड भी लगा है।
पटियाला के श्री राज राजेश्वरी मंदिर में श्री राम लिखने के बाद बुकलेट सौंपती महिलाएं। जागरण
कैसे खुलता है खाता
एक पोटली में पर्चियों पर खाता संख्या लिखकर उसे बंद कर दिया जाता है। जो भी इच्छुक राम भक्त यहां खाता खुलवाना चाहता है, उसे इस पोटली में से एक पर्ची निकालने को कहा जाता है। इस पर्ची पर जो भी नंबर लिखा रहता है, उसी नंबर से खाता खोता जाता है। इसमें खाता खेलने वाले का नाम, पूरा पता, गोत्र, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री का नाम, मोबाइल नंबर लिखा जाता है। इसे एक रजिस्टर में दर्ज कर लिया जाता है।
कैसे जमा होता है राम नाम
खाता खुलवाने वाले को एक पेन और एक बुकलेट बिना किसी शुल्क के दी जाती है। एक बुकलेट में 1020 बार राम नाम लिखा जा सकता है। बुकलेट व पेन का खर्च श्री हरिहर परिवार संस्था उठा रही है। इस बुकलेट में 1020 कालम बने हैं। इन खाली कालम में आप जब भी चाहें दिनभर में कुछ समय निकाल कर 'राम-राम' लिख सकते हैं। जब यह बुकलेट भर जाए, तो इसे वापस मंदिर में पुजारी के पास जमा करवाना होता है। वे संबंधित व्यक्ति के खाते में इसे दर्ज कर लेते हैं। आप चाहें तो नई बुकलेट भी ले सकते हैं। इसकी कोई सीमा नहीं है। लोगों के लिए कोई शर्त नहीं है। वे एक सप्ताह, एक माह या इससे भी ज्यादा समय बाद बुकलेट लौटा सकते हैं।
गोलियां बनाकर श्री गंगा जी में करेंगे प्रवाहित
पंडित नरेश ने बताया लोग इसमें काफी रुचि दिखा रहे हैं। अभी इसे खोले दो माह ही हुए हैं, लेकिन 250 खाते खुल चुके हैं। अभी तक साठ हजार बार राम नाम लिखी बुकलेट जमा हो चुकी हैं। जब राम नाम की संख्या सवा करोड़ हो जाएगी, तो जप और यज्ञ करवाया जाएगा। राम नाम लिखे पन्नों से गोलियां बनवा कर इन्हें श्री गंगा जी में प्रवाहित कर दिया जाएगा। इससे खाताधारक को पुण्य की प्राप्ति होगी। मंदिर में बुकलेट जमा करवाने आई सीमा व अन्य महिलाओं ने बताया कि वे अकसर यहां आती हैं। अन्य महिलाओं को खाता खुलवाते देखा तो उनकी भी इच्छा हुई। एक महीने पहले उन्होंने खाता खुलवाया था। रोज घर के जरूरी काम में से एक घंटा निकाल कर राम नाम लिखते हैं। इससे मन को बहुत सुकून मिलता है।
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