Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Summer Vacation Plan: भारत का मैनचेस्टर कहलाता है लुधियाना, गर्मी की छुट्टियों में ये 7 खूबसूरत जगहें जरूर देखें

    By Vipin KumarEdited By:
    Updated: Mon, 16 May 2022 02:16 PM (IST)

    लुधियाना में आप घूमने का लुत्फ उठा सकते हैं। पंजाब का सबसे बड़ा लुधियाना शहर कई आकर्षक स्थलों के लिए जाना जाता है जिसे देखने के लिए लोग अकसर वीकेंड का दिन चुनते हैं। महाराजा रणजीत सिंह मेमोरियल वार म्यूजियम सहित कई स्थल यहां है।

    Hero Image
    लुधियाना सतलुज नदी के किनारे माैजूद है। (फाइल फाेटाे)

    आनलाइन डेस्क, लुधियाना। Summer Vacation Plan: पंजाब की औद्याेगिक नगरी में अगर आप गर्मी की छुट्टियाें में घूमने की साेच रहे हैं ताे यह काफी अच्छा रहेगा। लुधियाना सतलुज नदी के किनारे माैजूद पंजाब का सबसे बड़ा शहर है। लुधियाना अपने कई आकर्षक स्थलों के लिए जाना जाता है, जिसे देखने के लिए लोग अकसर वीकेंड का दिन चुनते हैं। अगले कुछ दिनाें में गर्मी की छुट्टियां शुरू हाेने वाली है। इन दिनों अभिभावक बच्चों के साथ लुधियाना के कुछ चुनिंदा टूरिस्ट स्पाट लेकर जा सकते हैं। तो आइए डालते हैं एक दृष्टि लुधियाना के उन 8 स्थानों पर जो आपकी प्राथमिकता में होने चाहिए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    महाराजा रणजीत सिंह मेमोरियल वार म्यूजियम

    महाराजा रणजीत सिंह मेमोरियल वार म्यूजियम लुधियाना चिड़ियाघर के साथ छह एकड़ जमीन पर बना है। म्यूजियम 1999 में असित्व में आया। इस म्यूजियम में पुरातन हथियार रखे गए हैं। जिनमें खुखरी, तलवारें, बरछे, भाला से लेकर प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध, आंग्ल सिख युद्ध व स्वतंत्रता के बाद लड़ी गई लड़ाइयों में इस्तेमाल हुए हथियारों को रखा गया है। म्यूजियम में देश के लिए शहीद हुए महान योद्धाओं की तस्वीरें व उनका इतिहास लिखा है। इसमें अलग-अलग 12 गैलरियां बनाई गई हैं, जिनमें कैटागिरी वाइज योद्धाओं व युद्धों के बारे में जानकारी गई है। एक गैलरी में स्वतंत्रता से पहले पहले हुए युद्धों, दूसरी में स्वतंत्रता के बाद हुए युद्धों, तीसरी में वार हीरो, चौथी में एयरफोर्स, पांचवीं में नेवी व छठी में आर्मी गैलरी है।

    गुरुद्वारा नानकसर लुधियाना

    यदि आपको धार्मिक स्थलों पर घूमने का शौक है तो लुधियाना में कई ऐसे गुरुद्वारे हैं, जहां आप सुकून हासिल कर सकते हैं। गुरुद्वारा नानकसर, गुरुद्वारा भैणी साहिब, मेहंदीआणा साहिब, गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब मेहमानों को सुकून देने के लिए काफी हैं। जगराओं स्थित गुरुद्वारा नानकसर भव्यता और वास्तुकला का बेहतरीन माडल है। गुरुद्वारा साहिब के साथ सरोवर लोगों को एक अलग सुकून देता है। वर्ष 1975 में स्थापित इस गुरुद्वारा साहिब को लेकर लोगों में भारी आस्था है। संत नंद सिंह और संत ईश्वर सिंह की याद में स्थापित इस गुरुद्वारा साहिब में हर साल 13 से 17 जनवरी तक जोड़ मेला लगता है, जिसमें देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं।

    टाइगर सफारी‌ में 10 रुपये में करें सैर

    लुधियाना में जीटी रोड पर स्थित एक और पर्यटक स्थान है। यहां आप बाघों, काले हिरण, खरगोशों, सांभरों और मोरों को देख सकते हैं। पर्यटक कार में सवार होकर इस क्षेत्र की सैर करते हुए अन्य कई जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास में घूमते हुए देख सकते हैं। परिवार के साथ घूमने के लिए ये एक आदर्श स्थान है। गर्मी की छुट्टियाें में यहां भीड़ लगी रहती है। यहां पर अंदर खूबसूरत पार्क भी बने हुए हैं और इसके विस्तार करने का काम जंगलात विभाग का है। सुबह नौ से शाम पांच बजे तक खुलने वाली टाइगर सफारी सोमवार को बंद रहती है। बच्चों के लिए इसकी एंट्री टिकट 10 रुपये तथा बड़ों की एंट्री टिकट 20 रुपये रखी है।

    अंग्रेजों के जमाने रखबाग पार्क में करें Toy Train का सफर

    लुधियाना में अगर आप घूमने आ रहे हाे ताे रखबाग पार्क आपका मन माेह लेगा। अंग्रेजों के जमाने के इस पार्क में हर सुविधा उपलब्ध है। आजादी के बाद रखबाग का को आकर्षक बनाया गया और इसका विस्तार किया गया। इसके साथ गोल पार्क बाद में निर्मित किया गया। रखबाग व गोल पार्क करीब चार एकड़ जमीन में बना हुआ है। लुधियाना का यह इकलौता पार्क है जहां करीब 30 साल से टाय ट्रेन चलती है।

    अब पार्क में कई तरह के झूले लगे हैं, जो कि बच्चों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र हैं। नगर निगम अफसरों के मुताबिक रखबाग में कई पेड़ बेहद पुराने हैं। यहां पर पेड़ पौधों की कुल संख्या पांच हजार के करीब हैं। रखबाग क्लब रोड के साथ बनाया गया है। इस रोड के आसपास ही अंग्रेज अफसर रहा करते थे। आजादी के बाद भी इसी रोड पर अफसरों की कोठियां बनाई गई।

    लुधियाना का लोधी किला रहा है जंग-ए-आजादी का गवाह

    लोधी किला अपने आप में खूबसूरती समेटे है। अगर लुधियाना आ रहे हैं ताे यहां जरूर आएं। यह सिर्फ मुगलकालीन शासक सिकंदर लोधी की वजह से ऐतिहासिक नहीं है। बल्कि भारत की जंग-ए-आजादी की वजह से भी यह किला सिर्फ लुधियानवियों के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक है। 15वीं शताब्दी में सिकंदर लोधी ने अपने साम्राज्य में अलग-अलग जगहों पर छावनियों की स्थापना की। जहां-जहां सिकंदर लोधी के शासन की सीमाएं थी, वहां-वहां लोधी ने अपने जरनैलों के जरिए छावनियों की स्थापना करवाई और बाद में उसे किले का नाम दे दिया। जिनमें से लुधियाना का लोधी किला भी शामिल है।

    नेहरू तारामंडल में राेजाना हाेते हैं स्टेलर शो

    लुधियाना के नेहरू रोज गार्डन के अंदर स्थित नेहरू तारामंडल किसी अजूबे से कम नहीं है। यह पर्यटकों के लिए एक आकर्षण है। मनोरंजन के माध्यम से वैज्ञानिक प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 3 मार्च 1977 को इस स्थान की स्थापना की गई थी। शिक्षा, सूचना और मनोरंजन के अनूठे संयोजन ने इसे युवा पीढ़ी को बेहद आकर्षित किया है। नेहरू तारामंडल की देशभर में कई ब्रांच हैं और उनमें से एक लुधियाना में भी स्थित है। इस जगह पर रोजाना स्टेलर शो होते हैं जहां विशेष रूप से युवा पर्यटक सौर मंडल, आकाशगंगा, चंद्रमा, तारे और अन्य खगोलीय पिंडों को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। यहां 80 लोगों की बैठने की क्षमता है इसलिए आप पहले से यहां के लिए सीटें बुक कर लें।

    हार्डीज वर्ल्ड एम्यूजमेंट पार्क: बच्चों के लिए खास इंतजाम

    ऊंचाई से गिरते पानी की बौछार में आनंद लेते लोगों के चेहरे रोमांच को बयां करते दिखते हैं। जीटी रोड पर ही स्थित हार्डीज वर्ल्ड एम्यूजमेंट पार्क को लेकर बच्चों के अलावा पुरुषों और महिलाओं में भी उत्साह रहता है। पेंडुलम, स्ट्राइकिंग कार, कैटरपिलर, स्विंग-चेयर, हॉरर हाउस, वैक्स म्यूजियम, मैरी गो एराउंड, फेरिस व्हील, ब्रेक डांस जैसे मनोरंजन के साधनों में लोग घंटों डूबे रहते हैं। इसके अलावा किड्स पूल, रेन डांस, स्पीड स्लाइड, वेव पूल, फैमिली स्लाइड, बॉडी स्लाइड जैसे वाटर गेम्स बच्चों को आकर्षित करते हैं।