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    पंजाब की मोगा पुलिस ने गिरफ्तार किए खालिस्तान टाइगर फोर्स से जुड़े तीन गैंगस्टर, हथियार व हेरोइन भी बरामद

    पंजाब की मोगा पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने खालिस्तान टाइगर फोर्स से जुड़े तीन और शातिर गैंगस्टर को गिरफ्तार किया है। तीनों एक मिठाई विक्रेता की हत्या की योजना में थे। पकड़े गए गैंगस्टरों से पूछताछ जारी है।

    By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Mon, 05 Jul 2021 08:13 AM (IST)
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    मोगा पुलिस द्वारा पकड़े गए गैंगस्टर। फोटो पुलिस के सौजन्य से

    संवाद सहयोगी, मोगा। मोगा पुलिस ने खालिस्तान टाइगर फोर्स से जुड़े तीन और शातिर गैंगस्टर गिरफ्तार किए हैं। इनमें से एक मारे जा चुके खतरनाक गैंगस्टर विक्की गौंडर ग्रुप का भी सदस्य रहा है। पुलिस ने पकड़े गए तीनों आरोपितों से पूछताछ के बाद फिरोजपुर के तलवंडी भाई के एक मिठाई विक्रेता को 30 लाख रुपये की रंगदारी के लिए फोन करने की वारदात का भी खुलासा किया है।

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    मिठाई विक्रेता को रंगदारी न देने पर उसकी हत्या करने की जिम्मेदारी कनाडा में बैठे गैंगस्टर अर्शदीप सिंह ने पकड़े गए तीनों आरोपितों को सौंपी थी। दो दिन पहले ही एनआइए की टीम ने कनाडा में बैठे गैंगस्टर अर्शदीप डाला के निवास पर दिनभर सर्च अभियान चलाया था। पुलिस ने गिरफ्तार तीनों हिस्ट्रीशीटर गैंगस्टर के मामले की जानकारी एनआइए को दे दी है। एनआइए ने गैंगस्टर अर्शदीप सिंह को कनाडा से प्रत्यर्पण कर भारत लाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।

    एसएसपी हरमनबीर सिंह गिल ने बताया कि कनाडा स्थित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के संचालक अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला ने रविवार को मोगा पुलिस ने तीन गैंगस्टर को गिरफ्तार कर जबरन वसूली और टारगेट किलिंग मॉड्यूल की बड़ी साजिश को नाकाम कर किया है। गैंग के तीन सदस्यों को समालसर गांव के पास से गिरफ्तार किया है।

    गिरफ्तार लोगों की पहचान मुक्तसर के गांव ईना खेड़ा निवासी यदविंदर सिंह उर्फ यादी, तरनतारन के गांव चक वालियां निवासी राछपाल सिंह और मुक्तसर के गांव माझा पट्टी के तलविंदर सिंह उर्फ मिंटू के रूप में हुई है। पुलिस ने उनके पास से एक ग्रे रंग की शेवरले क्रूज कार (डीएल 3सीए ई 4302), 0.32 बोर की एक पिस्तौल, जिंदा कारतूस और 20 ग्राम हेरोइन भी बरामद की है। गौरतलब है कि मोगा पुलिस ने हाल ही में लवप्रीत सिंह उर्फ रवि, राम सिंह उर्फ सोनू और कमलजीत शर्मा उर्फ कमल को गिरफ्तार कर टारगेट किलिंग मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था।

    केटीएफ से जुड़ा ये गैंग तरनतारन के डेरा प्रेमी की हत्या, जालंधर के पुजारी पर फायरिंग, गैंगस्टर सुक्खा लम्मा हत्याकांड सहित कई जघन्य अपराधों में शामिल है। इन्हीं लोगों ने मोगा के कपड़ा व्यापारी सुपरशाइन के तेजिंदर सिंह उर्फ पिंका मर्डर केस को अंजाम दिया था। ये सभी वारदातों का अर्श डाला मुख्य साजिशकर्ता है। गैंगस्टर सुक्खा लम्मा की हत्या कराने के बाद अर्शदीप सिंह ने खुद गैंग की लीडर बन गया था, लेकिन अपराध सुक्खा लम्मा के नाम पर कर रहा था।

    एसएसपी हरमनबीर सिंह गिल ने कहा कि पुलिस को एक सूचना मिली थी कि अर्श डाला ने फिरोजपुर के तलवंडी भाई में मिठाई की दुकान के मालिक को धमकी भरे काल और मैसेज कर धमकी दी थी। साथ ही 30 लाख रुपये की रंगदारी न देने पर हत्या की साजिश रची थी। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि अर्श ने इन तीन आरोपितों को मिठाई की दुकान के मालिक से फिरौती लेने के लिए सौंपा है। इन तीनों आरोपितों को पकड़ने के लिए संयुक्त रूप से पुलिस टीमों को गठन किया गया था।

    एसएसपी ने बताया कि तीनों आरोपितों ने कबूल किया है कि वे अर्श डाला के निर्देश पर काम कर रहे थे और तलवंडी भाई में मिठाई की दुकान के मालिक से रंगदारी की रकम वसूलने की कार्रवाई में शामिल थे। उन्होंने कहा कि तीनों आरोपी हिस्ट्रीशीटर हैं और पहले से ही कई आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।

    एसएसपी ने बताया कि यादविंदर यादी मारे गए गैंगस्टर विक्की गौंडर का करीबी सहयोगी था। एसएसपी गिल ने बताया कि चूंकि, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने टागरेट किलिंग गैंग की जांच अपने हाथ में ले ली है, इसलिए मोगा पुलिस ने इन सूचनाओं को राष्ट्रीय एजेंसी के साथ भी साझा किया है। उन्होंने कहा कि अर्शदीप डाला और उनके सह-साजिशकर्ताओं के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल रही है। तीनों के खिलाफ विभिन्न मामलों में समालसर थाने में केस दर्ज किया गया है।