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लुधियाना के इस मंदिर में हैं विराजमान हैं मां दुर्गा के नौ स्वरूप, जानें क्या है खासियत

लुधियाना के जगराओं पुल के पास फिरोजपुर रोड व क्लब रोड के टी प्वाइंट पर स्थित है जो कि शहर में दुर्गा माता मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। मंदिर काफी पुराना है और पहले सिर्फ मुख्य गर्भगृह था।

By Vipin KumarEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 11:40 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 11:40 AM (IST)
लुधियाना के इस मंदिर में हैं विराजमान हैं मां दुर्गा के नौ स्वरूप, जानें क्या है खासियत
लुधियाना के दुर्गा माता मंदिर का प्रवेशद्वार। (कुलदीप काला)

लुधियाना, जेएनएन। महानगर जहां उद्योगों के लिए प्रसिद्ध है वहीं यहां के लोग धार्मिक प्रवृति के भी हैं। अलग-अलग धर्माें में आस्था रखने वाले लोगों ने भक्तों की धार्मिक भावनाओं के हिसाब से धार्मिक स्थलों का निर्माण करवाया और निरंतर उनका विस्तार  किया। ऐसे ही सनातन धर्म में आस्था रखने वाले भक्तों के लिए लुधियाना में एक ऐसे मंदिर का निर्माण किया गया है जहां मां दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों विराजमान हैं। माता के इन रूपों के दर्शन के लिए रोजाना सैकड़ों की तादाद में लोग यहां पहुंचते हैं।

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दुर्गा माता मंदिर शहर का प्रमुख धार्मिक स्थल

जगराओं पुल के पास दुर्गा माता मंदिर का दृस्य। (कुलदीप काला)

यह मंदिर जगराओं पुल के पास फिरोजपुर रोड व क्लब रोड के टी प्वाइंट पर स्थित है जोकि शहर में दुर्गा माता मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। मंदिर काफी पुराना है और पहले सिर्फ मुख्य गर्भगृह था जहां पर मां दुर्गा की प्रतिमा विराजमान है। यह मंदिर शहर के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां मां के दर्शनों के लिए भक्तों का तांता शुरू से लगा रहता है। करीब 20 साल पहले दुर्गा माता मंदिर का विस्तार हुआ और यहां मां दुर्गा के नौ स्वरूप स्थापित किए गए। मुख्य गर्भ गृह के अलावा नौ स्वरूप हैं।

मंदिर कैंपस में अस्पताल का भी निर्माण

सभी स्वरूपों के ऊपर विशालकाय मंदिर बनाए गए हैं। मुख्य गर्भ गृह के साथ मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, काली, महागौरी व सिद्धदात्री की मूर्तियां क्रम से स्थापित की गई हैं। इसके अलावा मंदिर में भगवान शिव पार्वती की प्रतिमाएं भी हैं। सामान्य दिनों में यहां जहां रोजाना सैकड़ों भक्त जन आते हैं वहीं नवरात्रि व अन्य विशेष पर्वाें पर हजारों की तादाद में श्रद्धालु यहां आते हैं। मंदिर कैंपस में अब एक अस्पताल का निर्माण भी किया गया है।

बेसहारों के लिए सहारा है यह मंदिर

लुधियाना के लोग दान करने में पीछे नहीं रहते हैं। इस मंदिर के आसपास भारी संख्या में बेसहारा व भूखे लोग रहते हैं। लुधियानावासी यहां आकर इन बेसहारा लोगों के लिए खाना व कपड़े लेकर आते हैं। जिसकी वजह से जिन्हें शहर में कहीं कुछ नहीं मिलता है उन्हें इस मंदिर के बाहर खाना व कपड़े मिल जाते हैं।


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