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शरीर का असली श्रृंगार है गुण : रचित मुनि

एसएस जैन स्थानक जनता नगर में विराजित श्री जितेंद्र मुनि जी म .के सानिध्य में मधुर वक्ता श्री रचित मुनि ने कहा कि इस शरीर के सच्चे आभूषण कौन से हैं?

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 08:00 PM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 01:48 AM (IST)
शरीर का असली श्रृंगार है गुण : रचित मुनि
शरीर का असली श्रृंगार है गुण : रचित मुनि

संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक जनता नगर में विराजित श्री जितेंद्र मुनि जी म .के सानिध्य में मधुर वक्ता श्री रचित मुनि ने कहा कि इस शरीर के सच्चे आभूषण कौन से हैं? क्या कभी सोचा है आपने, एक एक अंग को हीरे मोती सोने चांदी के जेवरात अथवा कीमती वस्त्रों से सजाने या तरह तरह की सौंदर्य प्रसाधन सामग्री के उपयोग करने से क्या शरीर की शोभा बढ़ती है? वास्तविक सच ये है कि इस शरीर का असली श्रृंगार गुणों से होता है । अन्य सभी भौतिक साधन मिट्टी के सामान हैं। उनकी कोई वैल्यू नहीं है। ध्यान रखना - गुणों को धारण किए बिना अर्थी निकल गई तो जीवन का फिर अर्थ समझ नहीं आएगा। सत्संग ऐसी आग है कि जिसमें यदि तपे तो गोल्ड बन जाओगे। फिर गोल्ड से गोड बनना भी असंभव नहीं है । जब व्यक्ति के बीच से व्यर्थ की इच्छा कल्पना कामना निकल जाए और राग द्वेष दूर हो जाए तब ये आत्मा गोल्ड से गॉड बनने में देर नहीं करती। अपने शरीर की जिस तरह देखभाल की जाती है उसी तरह से उसे गुणों से खूब सुसज्जित करो, तभी शरीर का महत्व है। जन्म तो प्रतिपल हो रहा है, लेकिन जीना उन्हीं का सार्थक होता है जो अपने शरीर को सद्गुणों से लबालब कर पाते हैं। ऐसा व्यक्ति ही घर परिवार समाज व राष्ट्रीय में सबको प्यारा लगता है । इस दौरान एसएस जैन सभा जनता नगर में प्रधान सुनील जैन की अध्यक्षता में कोविशील्ड वैक्सीन कैंप भी लगाया गया।

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