लुधियाना में हार के बाद कांग्रेस में रार, आपसी फूट बिगाड़ न दे 2027 का खेल; आशु के बाद 2 और नेताओं ने दिया इस्तीफा
लुधियाना पश्चिमी उपचुनाव में हार के बाद पंजाब कांग्रेस में आंतरिक कलह बढ़ गई है। भारत भूषण आशु के इस्तीफे के बाद परगट सिंह और कुशलदीप सिंह किक्की ढिल्लों ने भी पार्टी पदों से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी में फूट की यह धारणा 2022 के चुनावों में भी हार का कारण बनी थी और अब 2027 के विधानसभा चुनावों को लेकर चिंता बढ़ा रही है।
परगट सिंह, कुशलदीप सिंह किक्की ढिल्लोंl फाइल फोटो
कैलाश नाथ, चंडीगढ़। लुधियाना पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र में हुए उप चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में रार शुरू हो गई है। कांग्रेस प्रत्याशी भारत भूषण आशु द्वारा हार के बाद पार्टी के कार्यकारी प्रधान पद से इस्तीफा देने के बाद जालंधर कैंट के विधायक परगट सिंह और फरीदकोट के पूर्व विधायक कुशलदीप सिंह किक्की ढिल्लों ने भी बुधवार को उप प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है।
कांग्रेस की परेशानी यह है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में आपसी फूट के कारण पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। इसका कारण यह था कि लोगों में यह धारणा बन गई थी कि कांग्रेस पार्टी में आपसी फूट है। अब लुधियाना पश्चिमी सीट पर हुए उपचुनाव में भी यह बात सामने आई कि पार्टी में फूट है।
पार्टी की चिंता यह है कि अगर इस धारणा को जल्द खत्म नहीं किया गया तो कहीं 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का खेल न खराब हो जाए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अब प्रदेश प्रभारी व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरफ देख रहे हैं। वहीं, बघेल का कहना है कि वे जल्द ही पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे। प्रदेश प्रभारी ने कहा कि पार्टी में अनुशासन को कायम रखा जाएगा।
पार्टी सूत्र बताते हैं कि प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ‘गुटबाजी’ की धारणा को लेकर चिंतित हैं। वे जल्द ही इस संबंध में पार्टी हाईकमान से भी मुलाकात कर सकते हैं क्योंकि अगर इस धारणा को जल्द ही खत्म नहीं किया गया और पार्टी को इसका नुकसान हो सकता है। कांग्रेस को लगता हैं कि लुधियाना में आशु के मजबूत स्थिति में होने के बावजूद केवल इसलिए हार का सामना करना पड़ा क्योंकि वहां पर यह संदेश गया कि पार्टी एकजुट नहीं हैं क्योंकि आशु ने चुनाव अपने दम पर लड़ा।
पार्टी के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि चुनाव इससे पहले भी हुए लेकिन लुधियाना का चुनाव इसलिए खास है क्योंकि यहां पर पार्टी नहीं बल्कि आशु लड़े। भले ही उन्होंने हार की जिम्मेदारी भी खुद ली हो, लेकिन यहां से निकलने वाला संदेश पूरे पंजाब में जाता है। बता दें कि आशु ने चुनाव प्रचार के दौरान प्रदेश प्रधान और लुधियाना से सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के फोटो तक का भी प्रयोग नहीं किया था।
नैतिकता के आधार पर दिया इस्तीफा: किक्की ढिल्लों
लुधियाना पश्चिमी सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस की हार के बाद बुधवार को कुशलदीप सिंह किक्की ढिल्लों ने पीपीसीसी के प्रांतीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि पंजाब कांग्रेस के अंतर्कलह के चलते उन्होंने यह इस्तीफा दिया है। हालांकि, कुशलदीप सिंह किक्की ढिल्लों का कहना है कि उनकी किसी से कोई नाराजगी नहीं बल्कि उनके द्वारा जनता द्वारा दिए गए फैसले के चलते नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया गया है।
ऑस्ट्रेलिया गए हुए किक्की ढिल्लों से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस की एक टीम है और लुधियाना में उपचुनाव के दौरान टीम वर्क की तरह काम किया गया। सरकार ने इस सीट पर जीत के लिए हर तरह की धक्केशाही की जिसके चलते पार्टी वहां हार गई। हार को आम जनता का निर्णय स्वीकार करते हुए नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है।
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