तालिबानियों ने की फायरिंग, एयरपोर्ट के अंदर नहीं पहुंच पाए अफगानी सिख और हिंदू; लुधियाना में चिंता
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद सैकड़ों सिख और हिंदू फंसे हुए हैं। इनमें पंजाब से जुड़े लोग भी हैं। इनके अफगानिस्तान से निकलने की तैयारी हो गई थी लेकिन तालिबानियों के कारण वे एयरपोर्ट के अंदर नहीं पहुंच सके।

लुधियाना, [भूपेंदर सिंह भाटिया]। 'हमें भारत जाने वाले विमान की टिकट मिल गई थी। लेकिन काबुल एयरपोर्ट के बाहर पहुंचे के बावजूद हम अंदर नहीं जा सके। एकाएक तालिबानियों ने लोगों के हुजूम को वहां से हटाना के लिए हवाई फायरिंग कर दी। इसके बाद हमें एयरपोर्ट के बाहर से वापस परवान गुरुद्वारा साहिब पहुंचना पड़ा।' यह बातें काबुल में फंसे अफगानी सिखों ने लुधियाना में रह रहे अपने रिश्तेदारों के साथ फोन पर बात करते हुए कहीं।
लुधियाना की रहने वाली सावी कौर ने बताया कि इस घटना के बाद अफगानिस्तान में फंसे हिंदू और सिख फिर से खौफ में आ गए हैं। सावी के माता-पिता भी काबुल में ही फंसे हुए हैं। सावी के अनुसार उसकी अपने माता-पिता से बात हुई तो उन्होंने बताया कि काबुल एयरपोर्ट के बाहर तालिबानियों ने उन्हें वापस अपने घर जाने के लिए जोर डाला, हालांकि एयरपोर्ट पहुंचे इन सिखों और हिंदुओं के पास बाकायदा इंडियन एयरफोर्स के विमान में सवार होने की इजाजत थी। फिलहाल वह सभी अब दहशत के माहौल में समय बिताने को मजबूर हैं। सावी ने कहा कि वर्तमान में गुरुद्वारा साहिब में खाने पीने का सामान उपलब्ध है लेकिन उनके अभिभावक वहां फंसे लोगों के भविष्य को लेकर आशंकित हैं।
वर्ल्ड पंजाबी आर्गनाइजेशन (डब्ल्यूपीओ) के अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह साहनी ने कहा कि अफगानी सिख और हिंदू एयरपोर्ट के बाहर घंटों इंतजार करते रहे, लेकिन उन्हें तालिबान लड़ाकों ने अंदर प्रवेश नहीं करने दिया। तालिबानियों का कहना था कि क्योंकि देश छोड़ने वाले यह लोग अफगानी हैं, इसलिए वह अपने घर लौट जाएं। भारत आने की कोशिश करने वाले इन लोगों में अल्पसंख्यक सांसद नरिंदर सिंह खालसा और अनारकली कौर भी शामिल थीं।
उन्होंने कहा कि अब अफगानी सिखों को सिख विजिटर्स के रूप में भारत लाया जा सकता है। तालिबानियों को यह बताना होगा कि अफगानी सिख गुरु तेगबहादुर जी के 400 वर्षीय प्रकाश पर्व समारोह में शामिल होना चाहते हैं। डब्ल्यूपीओ की तालिबान के साथ दो बार बैठक हुई है और तालिबानियों ने सिखों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है। तालिबानियों का कहना है कि उन्हें अफगानिस्तान छोड़ने की जरूरत नहीं है।
गौरतलब है कि एयरफोर्स के विमान ने काबुल एयरपोर्ट से करीब 150 लोगों को लेकर भारत लौटना था। इनमें 72 अफगानी सिख और शेष हिंदू व अन्य अफगानिस्तान के नागरिक हैं। इन लोगों को तालिबानियों ने एयरपोर्ट के अंदर जाने से रोक दिया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।