मालेरकोटला: अहमदगढ़ में मासूम बच्चों पर हमला कर रहे आवारा कुत्ते, शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं
अहमदगढ़ में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ रहा है, जिससे लोग परेशान हैं। हाल ही में कुत्तों ने बच्चों पर हमला कर दिया, जिससे वे घायल हो गए। शिकायत के बावजूद, नगर परिषद के अधिकारी ने असहायता जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर नाराज़गी जताई है और प्रशासन को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। अब देखना है कि प्रशासन कब जागेगा और लोगों को राहत मिलेगी।

अहमदगढ़ शहर में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है (फोटो: जागरण)
संवाद सहयोगी, अहमदगढ़। शहर में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। आए दिन शहर के विभिन्न इलाकों से लोगों के कुत्तों द्वारा काटे जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं।
इसके बावजूद जिला प्रशासन और स्थानीय नगर परिषद की ओर से इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
पिछले दिवस एक दर्दनाक घटना शहर की मस्जिद के नजदीक हुई, जहां प्रसिद्ध डॉ. प्रदीप के पुत्र डा अशीष गौतम के छोटे बच्चे घर के बाहर खेल रहे थे। अचानक आवारा कुत्तों ने उन पर हमला कर दिया।
बच्चों की चीखें सुनकर घरवालों ने किसी तरह उन्हें बचाया, लेकिन तब तक कुत्तों ने उन्हें बुरी तरह जख्मी कर दिया था। फिलहाल बच्चों का इलाज जारी है। डॉ. परिवार ने इस संबंध में नगर परिषद के कार्यसाधक अधिकारी विकास उप्पल को शिकायत दी, परंतु उन्होंने असहायता जताते हुए कहा कि वह इस मामले में कुछ नहीं कर सकते।
इस दौरान कई पार्षद भी मौके पर मौजूद थे। अधिकारी का यह गैरजिम्मेदाराना रवैया न केवल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि शहर के लोग आवारा कुत्तों के रहम पर जीने को मजबूर हैं।
गौरतलब है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे पर नाराज़गी व्यक्त की है और सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को 3 नवंबर को कोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
अब देखना यह होगा कि क्या अहमदगढ़ प्रशासन सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद कुंभकर्णी नींद से जागेगा और शहरवासियों को आवारा कुत्तों के आतंक से राहत दिलाने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा या नहीं।

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