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    कानपुर में सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए लुधियाना पहुंची एसआइटी, इंस्पेक्टर एसपी सिंह बोले- बयान दर्ज करवाने से कतरा रहे लोग

    By Vinay KumarEdited By:
    Updated: Mon, 28 Mar 2022 09:54 AM (IST)

    कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए एसआइटी के अधिकारी फिर लुधियाना पहुंचे। टीम ने कई लोगों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए हैं। दंगा पीड़ित वेलफेयर कमेटी के अध्यक्ष सुरजीत सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बसे सिखों को धमकियां मिल रही हैं।

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    दंगा पीड़ित वेलफेयर कमेटी के अध्यक्ष सुरजीत सिंह के घर पर पीड़ितों से बातचीत करते हुए टीम के सदस्य।

    जागरण संवाददाता, लुधियाना। कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए पंजाब पहुंची विशेष जांच टीम (एसआइटी) के अधिकारी रविवार को फिर लुधियाना पहुंचे। दंगा पीड़ित वेलफेयर कमेटी के अध्यक्ष सुरजीत सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बसे सिखों को धमकियां मिल रही हैं, इसलिए पीड़ित एसआइटी के सामने बयान दर्ज करवाने से कतराने लगे हैं। सुरजीत ने कहा कि उत्तर प्रदेश में रह रहे सिखों ने यहां पर अपने रिश्तेदारों को यह जानकारी दी है, लेकिन वे अपना नाम सामने नहीं लाना चाहते हैं। दूसरी तरफ टीम ने कई लोगों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए हैं। कुछ लोगों ने सुबूत के तौर पर दस्तावेज भी जमा करवाए हैं। 

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    टीम रविवार सुबह आठ बजे पहले जमालपुर में एमआइजी फ्लैट्स के गुरुद्वारा साहिब पहुंची। वहां से दुगरी स्थित सीआरपी कालोनी पहुंची। यहां पर दंगा पीड़त वेलफेयर कमेटी की सदस्य गुरदीप कौर के घर पर लोगों से बातचीत की। टीम पंजाब में पचास परिवारों की तलाश कर रही है जिनके रिश्तेदारों को कानुपर में मौत के घाट उतार दिया गया था या उनके साथ बुरा सलूक किया गया था। टीम को ज्यादातर परिवार मिल गए हैं, जिनकी तरफ से वहां पर आपराधिक मामले दर्ज करवाए गए थे। 

    लुधियाना पहुंची एसआइटी के प्रमुख इंस्पेक्टर एसपी सिंह का कहना है कि 38 साल बाद भी लोग डरे और सहमे हुए हैं, बहुत से लोग जानकारियां दे रहे हैं, लेकिन बयान दर्ज करवाने से कतरा रहे हैं। कई लोग अदालत नहीं जाना चाहते हैं, लेकिन हम उनसे जानकारियां ले रहे हैं ताकि केसों को अदालतों में प्रभावी ढंग से रखा जा सके।