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गिरफ्तारी में गायब सिरी साहिब तीन साल संघर्ष के बाद मिली, SHO को तोहफे में दी बुलेट बाइक

लुधियाना में एक शख्‍स को अपनी गिरफ्तारी में खाे गई सिरी साहिब वापस मिली। उसे यह तीन साल के संघर्ष के बाद पुलिस ने वापस किया तो उसने एसएसओ को बुलेट बाइक भेंट की।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 08 Jun 2020 10:08 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2020 09:07 AM (IST)
गिरफ्तारी में गायब सिरी साहिब तीन साल संघर्ष के बाद मिली, SHO को तोहफे में दी बुलेट बाइक
गिरफ्तारी में गायब सिरी साहिब तीन साल संघर्ष के बाद मिली, SHO को तोहफे में दी बुलेट बाइक

लुधियाना, [राजन कैंथ]। एक शख्‍स को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के समय खोई सिरी साहिब मिली। इसके लिए उसको तीन साल तक संघर्ष करना पड़ा। पुलिस ने उसे सिरी साहिब लौटाई तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उसने संबंधित थाना के प्रभारी को बुलेट बाइक भेंट की। एसएचओ ने इस शख्‍स की भावना का सम्‍मान कर बाइक स्‍वीकार कर ली, लेकिन यह अगले दिन उसके घर जाकर लौटा दिया।

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दरअसल पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में साल 2017 में एक अमृतधारी सिख जगसीर सिंह खालसा को काबू कर जेल भेज दिया। तलाशी के दौरान उसकी सिरी साहिब (छोटी किरपान) उतरवा कर जब्त कर ली। आठ महीने बाद जमानत पर लौटने के बाद उसने पुलिस से सिरी साहिब वापस मांगी, लेकिन पता चला कि जामा तलाशी में पुलिस ने सिरी साहिब को शामिल नहीं किया। पुलिस ने सिरी साहिब अपने पास होने से इन्‍कार कर दिया।

थाना प्रभारी प्रेम सिंह को बाइक भेंट करते जगसीर सिंह खालसा।

इस पर जगसीर सिंह खालसा ने कसम खाई कि जब तक पुलिस उसकी वही सिरी साहिब वापस नहीं लौटाएगी, वह तब तक गातरे (सिरी साहिब को धारण करने के लिए कपड़े की पट्टी) में सिरी साहिब की जगह कलम टांग कर रखेगा।

इसके बाद उन्होंने इस संबंध में डीजीपी, एसएसपी, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार और एसजीपीसी को पत्र लिखकर करीब तीन साल तक संघर्ष किया। इसके बाद पुलिस ने सिरी साहिब को ढूंढकर खालसा को लौटा दिया। इसके लिए मुलांपुर के रहने वाले जगसीर सिंह खालसा को थाने बुला कर पूरे आदर सत्कार के साथ उन्हें सिरी साहिब धारण कराई गई।

सिरी स‍ाहिब लौटाने पर थाना पभारी प्रेम सिंह को तोहफे देते जगसीर सिंह खालसा के परिजन।

इसके बाद जगसीर सिंह खालसा ने खुश होकर मुलांपुर थाना प्रभारी प्रेम सिंह को बुलेट मोटरसाइकिल भेंट कर दी। इस मौके पर मौजूद खालसा के पारिवारिक सदस्यों ने भी पुष्प वर्षा कर गुरबाणी गायन किया और थाना प्रभारी को अपनी तरफ से तोहफे दिए। खालसा ने कहा कि वह अपनी वही सिरी साहिब वापस मिलने पर खुशी बयान नहीं कर सकते।

थाने में सिरी साहिब के लिए हुई सर्च

2017 में थाना पुरानी इमारत में चल रहा था जिसे गिराकर नई इमारत का निर्माण करवाया गया। उसी दौरान थाने का सारा सामान एक जगह इकट्ठा करके रख दिया गया। सिरी साहिब को ढूंढने के लिए थाने में सर्च की गई तो यह एक पुरानी तस्वीर के पीछे पड़ी मिली।

सिरी स‍ाहिब लौटाने पर थाना पभारी प्रेम सिंह को तोहफे देते जगसीर सिंह खालसा के परिजन।

थाना प्रभारी ने लौटा दी मोटरसाइकिल  

थाना प्रभारी प्रेम सिंह ने तोहफे में मिली मोटरसाइकिल जगसीर सिंह खालसा को अगले ही दिन सम्मान के साथ लौटा दी। थाना प्रभारी प्रेम सिंह ने कहा कि वह खुद भाई जैता जी सोसायटी के राष्ट्रीय प्रधान हैं। भाई जैता जी गुरु तेगबहादुर जी का दिल्ली से शीश लेकर आए थे। इसलिए वह धार्मिक चिन्ह एहमियत जानते हैं। उन्होंने अपनी ड्यूटी करके सिरी साहिब को तलाश किया है। वह तोहफा नहीं ले सकते।

फर्जी निकला सुसाइड नोट, खालसा हुए बरी

28 नवंबर 2017 थाना मुलांपुर पुलिस ने आत्महत्या प्रयास में एक प्रवासी मजदूर और खालसा को गिरफ्तार किया था। आत्महत्या का प्रयास करने वाले व्यक्ति ने सुसाइड नोट में अपनी मौत के लिए तीन लोगों को जिम्मेदार बताया था और उसमें एक नाम खालसा लिखा था।

पुलिस ने सुसाइड नोट में खालसा नाम का जिक्र होने के बाद जगसीर सिंह खालसा को गिरफ्तार कर लिया। एक अगस्त 2018 को जमानत पर छूटने के बाद से ही खालसा अपनी सिरी साहिब वापस पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। इसी दौरान पुलिस जांच में सुसाइड नोट भी फर्जी निकला और वह मामले में बरी भी हो गए।


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