श्री बांके बिहारी मंदिर में स्वामी दयानंद सरस्वती बाेले-संसार का सुख केवल कांच के समान
भागवत कथा भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप है जो इनकी शरण में शरणागत हो जाएगा वह मुक्त हो जाएगा इसमें संदेह नहीं है यह कथा श्रवण कर जो धुंधकारी प्रेत बन गया ...और पढ़ें

लुधियाना, जेएलएन। शहर के श्री बांके बिहारी मंदिर व कमल कुटी आश्रम गुरुनानक पुरा सिविल लाइन में संगत उमड़ पड़ी। इस दाैरान आयाेजित श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन स्वामी दयानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि एक बार नैमिषारण्य तीर्थ में शौनक ऋषि और सुतश्री सत्संग कर रहे थे। शौनक ऋषि ने पूछा मनुष्य जन्म मरण के आवागमन से छुटकारा और मोक्ष कैसे प्राप्त करें तब सुत जी बताते हैं कलयुग में श्रीमद् भागवत कथा ही मोक्ष देने वाली है। संसार का सुख कांच के समान है और श्रीमद् भागवत कथा मणि के समान है।
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यह कथा देवताओं को भी दुर्लभ है, यह कथा मोक्ष को देने वाली है और ज्ञान व वैराग्य को चेतन करने वाली है। कलयुग में स्वार्थ, मोह, ममता, बढ़ गई है। इसी से भक्ति उदास हो गई है यह कलयुग का प्रभाव है। जप, तप, यज्ञ, तीर्थ, दर्शन में श्रद्धा कम दिखावा ज्यादा हो गया है।
भागवत कथा भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप है जो इनकी शरण में शरणागत हो जाएगा वह मुक्त हो जाएगा इसमें संदेह नहीं है, यह कथा श्रवण कर जो धुंधकारी प्रेत बन गया था उसके निमित्त संकल्प कर कथा आयोजन द्वारा धुंधकारी प्रेत योनी से मुक्त हो गया। कथा के दौरान महराज जी के भजनों पर भक्तजन खूब झूमते रहे।आरती और प्रसाद के साथ कथा काे पहले दिन विराम दिया गया। इस दाैरान ठंड के माैसम में भी श्रद्वालुओं का उत्साह देखते ही बनता था।

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