Amarnath Yatra Cloud Burst: ढाई घंटे गुफा में फंसे रहे श्रद्धालु, बालटाल लौटते समय मलबे में दिखा तबाही का मंजर, लुधियाना के अमनदीप ने बताया हाल
Amarnath Yatra Cloud Burst श्री अमरनाथ की पावन गुफा में शाम को भोले बाबा की आरती हो रही थी। हम सभी बाबा के भक्तिरस में आनंदमयी थे। आरती संपन्न होने का समय था और सभी ने बाबा के जयघोष लगाने के लिए तैयार थे।

दिलबाग दानिश, लुधियाना। Amarnath Yatra Cloud Burst: श्री अमरनाथ की पावन गुफा में शाम को भोले बाबा की आरती हो रही थी। हम सभी बाबा के भक्तिरस में आनंदमयी थे। आरती संपन्न होने का समय था और सभी बाबा के जयघोष लगाने के लिए तैयार थे। तभी सूचना जारी की गई कि बाहर बादल फटने से हादसा हुआ है। सभी श्रद्धालु जहां पर हैं, वहीं रहें। मैं और 18 साथी गुफा में थे। हमारे साथ और भी कई लोग वहां थे। करीब ढाई घंटे तक सभी भोले बाबा की शरण में गुफा में ही रहे।’
‘जब से बाहर बादल फटने की सूचना मिली उसके बाद से सभी लोग निरंतर भोले नाथ का नाम जपते रहे। गुफा के सामने एक के बाद एक हेलिकाप्टर आ रहे थे और श्रद्धालुओं को बचाकर ले जा रहे थे। गुफा में भी कुछ लोग नीचे जाने की जिद कर रहे थे। उनका कहना था उनके कुछ साथी नीचे हैं। उन्हें डर था कि उनमें से कोई मलबे में न दब गया हो। हालांकि सैनिकों ने किसी को बाहर नहीं जाने दिया। राहत तब मिली जब बताया गया कि नीचे से काफी हद तक मलबा साफ हो गया है और आप लोग नीचे जा सकते हैं।'
यह जानकारी दैनिक जागरण को शहर के रहने वाले अमनदीप सिंह ने फोन पर दी। वे बीती चार जुलाई को बस लेकर श्री अमरनाथ यात्र के लिए गए थे। उन्होंने बताया कि रात करीब आठ बजे नीचे जाने की अनुमति दी गई है। हजारों श्रद्धालु बालटाल की ओर रवाना हो गए हैं। सभी डरे व सहमे हुए हैं। किसी को भी रास्ते में रुकने की अनुमति नहीं है।
पवित्र गुफा के एक साइड के पहाड़ से मलबा आया था नीचे
अमनदीप ने बताया कि श्री अमरनाथ गुफा की एक साइड से पहाड़ के ऊपर से मलबा नीचे आया था। कई टेंट और लोगों को वह अपने साथ बहा ले गया। बादल फटने के कारण रास्ते में कई जगह बिजली बंद है। बालटाल लौटते समय उन्हें कई जगह मलबे में लोगों के अंग दिखे। रात दस बजे तक सेना के जवान हेलिकाप्टर की मदद से घायलों को निकाल रहे थे। सेना के जवान घायल श्रद्धालुओं को स्ट्रेचर पर नीचे ला रहे थे।
सेना ने दिया साथ, लंगरों में रुके सैकड़ों लोग
घटना के तुरंत बाद सेना पूरी तरह बचाव कार्य में जुट गई थी। एनडीआरएफ और अर्धसैनिक बलों ने गुफा के पास सभी टेंटों और लंगरों को खाली करवा दिया। बुराड़ा टाप की दुकानें भी बंद करवा दी गई। वहां से लोगों को नीचे जाने के लिए कहा गया है। दुमेल और बालटाल बेस कैंप पर लगे लंगरों के टेंटों में हजारों लोग मौजूद थे। बहुत से लोग गुफा में पावन शिवलिंग के दर्शन करने के लिए गए अपनों के बारे में जानकारियां जुटाने में लगे हुए थे।
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