सादे ढंग से मनाई सारागढ़ी के शहीद हवलदार ईशर की सालाना बरसी
सारागढ़ी के महानायक शहीद हवलदार ईशर सिंह झोरड़ों की सालाना बरसी से संबंधित समागम उनके मूल गांव झोरड़ें कोरोना महामारी के चलते सादे ढंग के साथ मनाई गई।
जेएनएन, रायकोट : सारागढ़ी के महानायक शहीद हवलदार ईशर सिंह झोरड़ों की सालाना बरसी से संबंधित समागम उनके मूल गांव झोरड़ें कोरोना महामारी के चलते सादे ढंग के साथ मनाई गई। इस मौके पर शहीद हवलदार ईशर सिंह को श्रद्धांजलि भेंट करने के लिए पंजाब लोक सेवा आयोग के मैंबर और पूर्व संसदीय सचिव बिकरमजीत सिंह खालसा विशेष तौर पर पहुंचे और शहीद हवलदार को श्रद्धा के फूल भेंट किए।
इससे पहले बरसी के संबंध में शहीद हवलदार ईशर सिंह के जद्दी घर में श्री अखंड पाठ साहब जी के पाठ के भोग डाले गए। जिसके उपरांत भाई ईशर सिंह दुल्लमों के कीर्तनी जत्थे की तरफ से गुरबानी कीर्तन किया गया। इस मौके शहीद हवलदार ईशर सिंह को श्रद्धा के फूल भेंट करते हुए बिकरमजीत सिंह खालसा ने कहा कि शहीद कौम और देश का सरमाया होते हैं। उनके बलिदानों के बूते ही आज हम आजादी का आनंद ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सारागढ़ी की लड़ाई विश्व प्रसिद्ध लड़ाई है जो 12 सितम्बर 1897 को लड़ी गई जब ह•ारों जनजातीय ने सारागढ़ी पोस्ट पर हमला कर दिया था। इस लड़ाई में पोस्ट और हवलदार ईश्वर सिंह का नेतृत्व में तैनात 21 सिख जवानों ने अपनी बहादुरी का जो सबूत दिया है वह बेमिसाल है। शहीद ईशर सिंह के पारिवारिक सदस्य संतोख सिंह ने शहीद हवलदार ईशर सिंह की याद में गांव में बनाए जा रहे सरकारी हस्पताल के लिए पंजाब सरकार और सांसद डॉ. अमर सिंह का धन्यवाद किया। उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी भी दे।
इस मौके मार्केट समिति हठूर के चेयरमैन तरलोचन सिंह, सरपंच दविदर कौर, कैप्टन साधु सिंह मूंम, सूबेदार मेजर जरनैल सिंह, सतपाल सिंह झोरड़ें, पूर्व सरपंच गुरमेल सिंह, नंबरदार गुरदेव सिंह, पूर्व सरपंच बलविदर कौर, मनहोमन सिंह, बिक्कर सिंह, तरसेम सिंह, गुरविदर शर्मा, लखविदर सिंह, गुरबचन सिंह के इलावा ओर अन्य उपस्थित थे।