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    Sanskarshala: प्रिंसिपल मृदु अब्लाश का संदेश, सीखने-सिखाने के लिए करें तकनीकी ज्ञान का उपयोग

    By Jagran NewsEdited By: Deepika
    Updated: Thu, 27 Oct 2022 09:01 AM (IST)

    Sanskarshala आत्म देवकी निकेतन स्कूल की प्रिंसिपल मृदु अब्लाश ने कुछ तकनीकी तरीके शेयर किए हैं जिनकी सहायता से आप अपने बच्चों का पालन पोषण अधिक कुशलता से कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं उन तरीकों के बारे में।

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    Sanskarshala: आत्म देवकी निकेतन स्कूल की प्रिंसिपल मृदु अब्लाश। (जागरण)

    जागरण संवादाता, लुधियाना। तकनीकी ज्ञान एक विशिष्ट प्रकार का शिक्षा का रूप है, जिसका व्यक्ति और समाज के साथ अभिन्न संबंध है। यह सामान्य प्रारंभिक शिक्षा से अलग है। आज दैनिक जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में तकनीकी ज्ञान के महत्व का आभास हो रहा है। तकनीकी ज्ञान प्राप्त कर व्यक्ति विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण के माध्यम से अपनी आवश्यकता पूर्ण कर सकता है। यह देखा गया है कि जिन बालकों के अभिभावक स्वयं शिक्षित और जागरूक होते हैं, वह घर पर बच्चों को शिक्षा के लिए समुचित प्रबंध एवं वातावरण उपलब्ध कराते हैं।

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    यदि बच्चे के माता-पिता बालक की शिक्षा के प्रति गंभीर है तो यकीनन उसके परिणाम में स्पष्ट फर्क देखने को मिलता है। हाल के वर्षों में बच्चों के स्क्रीन से चिपके रहने की समस्या एक आम बात है। अत्यधिक स्क्रीन समय के परिणामस्वरूप गंभीर नींद से बच्चे वंचित हो सकते हैं। इसके अलावा अत्यधिक स्क्रीन टाइम प्रेरणा, एकाग्रता को कम कर सकता है। तकनीकी संतृप्त दुनिया में बचाव उपाय नहीं है।

    हर आयु वर्ग के बच्चे स्क्रीन टाइम में हिस्सा लेते हैं चाहे वह पैसिव हो या इंटरैक्टिव। तकनीकी ज्ञान का उपयोग सीखने के लिए भी किया जा सकता है। बच्चों की आनलाइन गतिविधियों की निगरानी के लिए तकनीकी ज्ञान हमारे लिए सहायक हो सकता है। यहां मैं आपसे कुछ तकनीकी तरीके सांझा कर रही हूं, जिनकी सहायता से हम अपने बच्चों का पालन पोषण अधिक कुशलता से कर सकते हैं।

    स्क्रीन समय निर्धारण

    हम सभी जानते हैं कि सीमाएं निर्धारित करना और उनका पालन करना कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। बच्चे सीमाओं को लांघते हैं। स्क्रीन के उपयोग को सीमित करके हम खेलने के लिए समय को प्राथमिकता दे सकते हैं।

    एप्स तक पहुंच प्रतिबंधित करना

    कुछ एप विनाश का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। अन्य उपयोगी कौशल को प्रोत्साहित कर सकते हैं जैसे कि गणितीय योगों को हल करना, कहानी लिखना या 3 डी मूवी बनाना। दूसरी तरफ तकनीकी ज्ञान माता पिता को शैक्षिक खेल, स्कूल मूल्यांकन और समृद्ध करने वाले एप को सक्षम करने का अधिकार देते हैं।

    बच्चे का ट्रैकिंग स्थान

    जब बच्चे बड़े हो जाते हैं तो उनकी गतिशीलता को प्रतिबंधित करना या उन्हें अवांछनीय स्थानों पर जाने से रोकना कठिन हो सकता है। हालांकि अपने बच्चे के ठिकाने के बारे में अनभिज्ञ होने की तुलना में जानना बेहतर है। आभासी भौगोलिक सीमाओं को निर्धारित करने के लिए जियोफेसिंग का तेजी से उपयोग किया जा रहा है।

    एप की उपयोगिता को सीमित करना

    क्या आप जानते हैं कि आपका बच्चा एक दिन में गेम्स या यूट्यूब पर कितना समय बिताता है? माता-पिता के रूप में हमें तकनीक का प्रयोग करने के तरीके को भी आदर्श बनाना चाहिए। हम सीमाएं निर्धारित कर सकते हैं। हमें अपने बच्चों के साथ-साथ उनकी मोबाइल आदतों के बारे में भी अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है।

    डिवाइस गतिविधियों की निगरानी

    मोबाइल उपकरणों का उपयोग कई अलग-अलग गतिविधियों के लिए किया जा सकता है- डिजाइन करना, सीखना, पढ़ना या यहां तक कि मूल्यांकन पत्रों का अभ्यास करना। जबकि बच्चों को उसके सीखने में सहायता करने के लिए कई सहायक शिक्षक एप है। अभिभावक तकनीकी ज्ञान द्वारा यह जान सकते हैं कि आपका बच्चा डिवाइस पर कितना समय बिता रहा है और उस डिवाइस को प्रयोग किस प्रकार करता है।

    एकाधिक डिवाइस नियंत्रण

    बच्चे को विकसित करने के लिए परिवार का योगदान होता है। इसी तरह स्वस्थ स्क्रीन समय के उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए माता पिता को तकनीकी ज्ञान होना आवश्यक है। माता-पिता में से किसी एक के व्यस्त होने पर आप अपने बच्चे के मोबाइल डिवाइस की निगरानी कर सकते हैं। - मृदु अब्लाश, प्रिंसिपल आत्म देवकी निकेतन स्कूल

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