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    जैन समाज के कोहिनूर रहे हीरा लाल का निधन

    जैन समुदाय के स्तंभ हीरा लाल जैन गादिया का सोमवार को निधन हो गया। वह

    By JagranEdited By: Updated: Tue, 07 Jan 2020 07:00 AM (IST)
    जैन समाज के कोहिनूर रहे हीरा लाल का निधन

    संस, लुधियाना : जैन समुदाय के स्तंभ, ऑल इंडिया जैन कांफ्रेंस के सदस्य समाज रत्न हीरा लाल जैन गादिया का सोमवार की सुबह तड़के तीन बजे के करीब आकस्मिक निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे। उनके निधन पर चारों संप्रदायों के प्रतिनिधियों व संतजनों ने शोक व्यक्त किया। उनका अंतिम संस्कार मॉडल टाउन एक्सटेंशन के नजदीक स्वामी विवेकानंद आश्रम में किया गया। समाज रत्न हीरा लाल जैन ने अपने कार्यो की बदौलत निरंतर जैन समाज को गौरवान्वित किया। वे सरलता, सहिष्णुता की प्रति मूर्ति थे।

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    आत्म प्रभु व साधु साध्वी के आशीर्वाद से पाकिस्तान के सियालकोट में बसंत राय और यशवंती जैन को नौ जुलाई 1937 को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी। उन्होंने अपने पुत्र का नाम हीरा लाल रखा था। हीरा लाल सन् 1950 में ऑल इंडिया जैन श्वेतांबर कांफ्रेस के सदस्य बने। वह छह दशक तक अपने कार्यो की बदौलत विशेष स्थान बनाए हुए थे। 1977 से 79 तक कांफ्रेंस के युवाध्यक्ष रहे। इसके बाद महामंत्री और वरिष्ठ उप-प्रधान के पद पर भी आसीन रहे। पंजाब का पहला होम्योपैथिक कॉलेज हैब्बोवाल में खुलवाया

    हीरा लाल ने 1977 में पटियाला के पंजाबी विश्वविद्यालय में जैन चेयर की स्थापना कराई। 1976-77 में लुधियाना के हैबोवाल में पंजाब का पहला लार्ड महावीर होम्योपैथिक कॉलेज और अस्पताल खुलवाया। उन्होंने गुरु रविदास मेमोरियल कमेटी के सदस्य के रूप में और अमृतसर के गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य के रूप में कार्य करते हुए बहुमूल्य विचारों एवं परामर्श से शिक्षा विभाग को लाभान्वित किया। कई उपाधि से नवाजा गया

    राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने युवक सम्राट की उपाधि से नवाजा।

    सन् 1994 में समाज को समर्पित सेवाओं के लिए आचार्य देवेंद्र मुनि के आदेश पर समाज रत्न का खिताब दिया गया।

    30 जनवरी 2011 को आत्म प्रभु की जयंती के अवसर पर आत्म आगम मंदिर के उद्घाटन के समय आत्म कोहिनूर की उपाधि से नवाजा गया।

    राष्ट्र संत कमल मुनि कमलेश ने दिवाकर रत्न का सम्मान दिया।