लुधियाना से निकलते 301 किमी हाईवे पर आराम की सुविधा कहीं नहीं, तीन डायवर्जन भी नियमों के मुताबिक नहीं
सड़क सुरक्षा को लेकर दैनिक जागरण की ओर से चलाए गए महाअभियान के तहत सड़कों के आडिट में कई बड़ी खामियां पाई गई हैं। ट्रैफिक विशेषज्ञों की मानें तो हाईवे ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, लुधियाना। सड़क सुरक्षा को लेकर दैनिक जागरण की ओर से चलाए गए महाअभियान के तहत सड़कों के आडिट में कई बड़ी खामियां पाई गई हैं। सबसे अहम है कि शहर से निकलते 301 किलोमीटर लंबे हाईवे पर वाहन चालकों के आराम करने लिए कोई सुविधा ही नहीं है। ट्रैफिक विशेषज्ञों की मानें तो हाईवे पर होने वाले करीब एक तिहाई हादसे वाहन चालकों को आने वाली झपकी के कारण ही होते हैं। शहर में कई जगह निर्माण कार्य चल रहे हैं, जिसके कारण तीन जगह डायवर्जन भी किए गए हैं, लेकिन यहां पर नियमों के मुताबिक बोर्ड नहीं लगाए गए हैं। कहीं बोर्ड छोटे लगे हैं तो कहीं पर गार्ड नहीं तैनात हैं।
सरकार ने यातायात को सुचारू करने के लिए नियम तो बनाए हैं, लेकिन सख्ती नहीं होने के कारण अधिकांश वाहन चालक इन नियमों का परवाह ही नहीं करते। इसके अलावा शहरी इलाकों में हाईवे के साथ लगते मोहल्ले के लोगों ने अपने स्तर पर ही कई कट बना लिए हैं। जिले में ऐसे करीब 115 अवैध कट हैं, जो हादसों को दावत दे रहे हैं। कई जगह हाईवे के डिवाइडर का कट दूर होने पर लोग गलत दिशा से ही वाहन दौड़ाने लग जाते हैं। इनको रोकने के लिए प्रशासन कोई गंभीरता नहीं दिखा रहा है।

जिले में इस कई जगहों पर नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) की ओर से सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है। इन साइट पर भी नियमों की अनदेखी की जा रही है। फिरोजपुर रोड पर बन रहे एलिवेटेड रोड पर निर्माण के कारण कुछ जगहों पर डायवर्जन बनाए गए हैं। वहां पर सिर्फ साधारण बोर्ड लगाए गए हैं, जिनके बारे में अधिकांश वाहन चालकों को जानकारी तक नहीं है। डाबा चौक में चल रहे निर्माण के कारण बने डायवर्जन पर कोई बोर्ड ही नहीं लगा है।
वहां पर बन रहे फ्लाईओवर के आगे सिर्फ मिट्टी का ढेर लगा है। डायवर्जन पर स्टाफ की तैनाती भी नहीं की गई। इसके अलावा हाईवे पर लोगों के आराम करने के लिए भी कोई पुख्ता प्रबंध नहीं हैं। लोग सड़कों के किनारे बने ईटिंग प्वाइंट्स, ढाबों, रेंस्टोरेंट इत्यादि पर खाने-पीने के साथ थोड़ा बहुत सुस्ता लेते हैं। कुल मिलाकर यातायात इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करें तो सड़कों की अनियमिताओं को दूर करके और लोगों को ट्रैफिक मानकों के बारे में जागरूक करके ही सड़कों पर हो रही मौतों के ग्राफ को कम किया जा सकता है। इसके लिए सभी का साथ जरूरी है।
सड़कों पर कई जगह साइड रेलिंग खस्ताहाल
लाडोवाल टोल प्लाजा पंजाब का सबसे महंगा टोल प्लाजा है, लेकिन यहां पर भी अनियमितताएं हैं। लाडोवाल से फिल्लौर की तरफ जाने पर सड़क पर दाईं तरफ बीच में बैरियर बने हैं। वहां पर पास वाले वाहन चेक करके निकाले जाते हैं। इससे ट्रैफिक में बाधा आती है। इसके अलावा साइड की रेलिंग टूटी हुई है। जिले में कई मार्गों लुधियाना, दोराहा, दक्षिण बाईपास पर भी साइड रेलिंग की हालत खस्ता है। इसके अलावा लुधियाना समराला हाईवे पर भी साइड रेलिंग कई जगह से टूटी है।
बेरिकेडिंग कर सर्विस लेन ही कर दी बंद
लाडोवाल पुलिस स्टेशन के सामने बेरिकेडिंग कर सर्विस लेन को ही बंद कर दिया गया है। इससे भी ट्रैफिक में काफी विघ्न पड़ रहा है। यहां पर बैरिकेटिंग भी की गई है, लेकिन किसी तरह का बोर्ड नहीं लगाया गया है। इसलिए यहां पर भी दुर्घटना का खतरा रहता है। अर्जुन देव नगर कट-समराला चौक से पहले फ्लाईओवर के पास निर्माण कार्य चल रहा है। यहां सड़क के बीचोबीच मिट्टी के ढेर लगे हैं। कोई रिफ्लेक्टर तक नहीं लगाया गया। ट्रैफिक इधर से उधर जा रहा है और जाम लगा रहता है।
दोराहा में नहीं होता फुट ओवरब्रिज का इस्तेमाल
दोराहा में फ्लाईओवर पर सड़क तीन से दो लेन की रह जाती है। फ्लाईओवर उतरते ही बस स्टाप है। यहां पर बसें खड़ी रहती हैं और ट्रैफिक में बाधा आती है। यहां पर साइड में बसों के रुकने के लिए जगह बनाई जा सकती है। लोगों के लिए फुट ओवरब्रिज बना है, लेकिन इसका उपयोग कम ही करते हैं।
आपातकालीन एसओएस से कोई रिस्पांस ही नहीं
खन्ना में एनएचएआइ ने किसी आपातकाल की सूरत में सहायता के लिए एक आपातकालीन एसओएस बना रखा है ताकि दुर्घटना या आपातकाल की स्थिति में फोन करके सहायता मांगी जा सके। हमारी टीम ने वहां कई बार फोन किया गया, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। ऐसे में साफ है कि यह सिर्फ शोपीस ही बन कर रह गया है। इस सड़क पर लाडोवाल में सबसे अधिक एक तरफ का 150 रुपये टोल वसूला जाता है। सुविधाओं के नाम पर कुछ न मिलना गलत है।
झपकी आने से हुआ था हादसा, तीन बच्चों समेत हुई थी पांच की मौत
करीब ढाई महीने पहले पांच सितंबर 2022 को शहर के चंडीगढ़ रोड पर एक कार चालक को झपकी आने के कारण बड़ा हादसा हुआ था। इसमें एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें तीन बच्चे थे। दरअसल, एक परिवार मुंडियां में शादी समारोह में शामिल होने के बाद टैक्सी में वापस लौट रहा था। चंडीगढ़ रोड पर फोर्टिस अस्पताल के पास टैक्सी चालक को झपकी आ गई। इसके कारण कार अनियंत्रित हो गई और सड़क किनारे लगे खंभे से टकरा गई थी।
एक्सपर्ट व्यू..बिना जागरूकता नहीं मिलेगी सफलता : राहुल वर्मा
ट्रैफिक एक्सपर्ट राहुल वर्मा का कहना है कि जिले में नेशनल और स्टेट हाईवे बन रहे हैं। सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो रहा है, लेकिन साथ ही कमियां भी उजागर हो रही हैं। सबसे बड़ी समस्या अवैध कटों की है। लोगों ने अपनी मर्जी से ही हर सड़क पर अवैध कट बना लिए हैं। इनके कारण दुर्घटनाओं का खतरा रहता है। इसके अलावा भीड़भाड़ वाले इलाकों में या अस्पताल के सामने फुट ओवर ब्रिजों की जरूरत है। जहां ब्रिज बने हैं, उनकी हालत खस्ता है। लोग पुलों के बजाय पैदल ही सड़क पार करते हैं। इस संबंध में पुलिस प्रशासन को कई बार कहा गया है। लोगों को ट्रैफिक के बारे में जागरूक करके भी दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है और सड़कों पर लापरवाही के कारण जा रही लोगों की कीमती जानों को बचाया जा सकता है। इसके अलावा जहां निर्माण चल रहे हैं, वहां पर डायवर्जन को लेकर नियमों का पूरी तरह से पालन नहीं हो रहा है। इस संबंध में भी एनएचएआइ और सड़क बना रहे अन्य विभागों को सुझाव दिए गए हैं।

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