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    साहित्य एवं शैक्षणिक गतिविधियों का खजाना है लुधियाना का पंजाबी भवन, एक हजार किताबों से हुई थी शुरूआत

    By Vinay KumarEdited By:
    Updated: Sat, 20 Aug 2022 01:02 PM (IST)

    पंजाबी साहित्य अकादमी जोकि साल 1954 से रजिस्टर्ड है और जहां यह जगह है उसे पंजाबी भवन का नाम दिया गया है। पंजाबी भवन में रेफरेंस लाइब्रेरी बलराज साहनी ...और पढ़ें

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    लुधियाना में स्थित पंजाबी साहित्य अकादमी जिसे पंजाबी भवन का नाम दिया गया है। (जागरण)

    लुधियाना [राधिका कपूर]। हर में सालों पुरानी चीजों की बात करें तो कई जगहें ऐसी हैं, जहां उनके ज्ञान में बढ़ोतरी हो सकती है। पंजाबी भवन का नाम तो खैर सभी ने सुना होगा, लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि ये क्यों प्रसिद्ध है। पंजाबी साहित्य अकादमी, जोकि साल 1954 से रजिस्टर्ड है और जहां यह जगह है उसे पंजाबी भवन का नाम दिया गया है। करीब पौने दो एकड़ में बने पंजाबी भवन में 66 वर्ष पुरानी पंजाबी साहित्य अकादमी में रेफरेंस लाइब्रेरी, बलराज साहनी ओपन एयर थिएटर, सेमिनार हाल, मोहिंदर सिंह रंधावा आर्ट गैलरी, डा. परमिंदर सिंह कांफ्रेंस हाल, पंजाबी बुक्स मार्केट, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) डिपो कार्यालय, भाषा विभाग का आफिस, कैंटीन इत्यादि चीजें हैं। पंजाबी साहित्य अकादमी की बात करें तो साल 1954 में अकादमी के संस्थापक महासचिव डा. शेर सिंह, पहले प्रधान रहे डा. भाई जौध सिंह का बहुत बड़ा योगदान रहा है। शुरुआत में अकादमी घर के एक कमरे से चला करती थी, जिसे बाद में पंजाबी भवन का नाम मिला। जुलाई 1966 में तत्कालीन राष्ट्रपति सर्वपल्ली डा. राधा कृष्णन ने इसका नींव पत्थर रखा था।

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    रेफ्रेंस लाइब्रेरी

    पंजाबी साहित्य अकादमी की पंजाबी भवन में एक रेफ्रेंस लाइब्रेरी भी है, जिनमें पंजाबी, हिंदी, इंग्लिश लिटरेचर की किताबें हैं। वर्तमान में लाइब्रेरी में 70,000 किताबें है। जब लाइब्रेरी की शुरुआत की गई थी तो केवल एक हजार किताबें हुआ करती थी। समय के साथ-साथ इसे अपग्रेड किया गया और किताबों की संख्या यहां बढ़ाई गई। इतना ही नहीं इस लाइब्रेरी में अकादमी के मेंबर्स के अलावा बाहर से लोग भी आ जा सकते हैं। लाइब्रेरी रोजाना सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक खुलती है और रविवार के अलावा गजेटेड छुट्टी के दिन यह बंद रहती है।

    मोहिंदर सिंह रंधावा आर्ट गैलरी

    आर्ट को प्रमोट करने के उद्देश्य से पंजाबी भवन में मोहिंदर सिंह रंधावा आर्ट गैलरी भी बनाई गई है, जिनमें आर्ट से संबंधित प्रदर्शनियां लगती है। यहां तक कि किसी ने व्यक्तिगत तौर पर आर्ट से संबंधित कोई प्रदर्शनी लगानी है तो वह यहां लगा सकता है।

    पंजाबी साहित्य अकादमी में हैं दो हजार सदस्य

    पंजाबी साहित्य अकादमी की बात करें तो वर्तमान में इसके दो हजार के करीब मेंबर्स हैं, जोकि देश-विदेश में हैं। दो वर्ष के बाद अकादमी का चुनाव होता है, जिसमें नई टीम चुनी जाती है और उनके जिम्मे अकादमी का जिम्मा होता है। हर तीन महीने के बाद अकादमी में प्रबंधकीय बोर्ड की मीटिंग होती है जिसमें आने वाली गतिविधियों का एजेंडा तैयार किया जाता है।

    कवि व कहानी दरबार का होता है आयोजन

    पंजाबी भवन में बने डा. परमिंदर सिंह हाल में कवि व कहानी दरबार का आयोजन किया जाता है जिसमें लेखक, साहित्यकार भी जुटते हैं। कभी-कभार इसी हाल में कला, पंजाबी भाषा को प्रफुल्लित करने के लिए सेमिनार का भी आयोजन होता रहता है। साल में एक बार इसी हाल में जनरल हाउस की मीटिंग भी होती है, जिसमें अगले एजेंडे तय होते हैं। इसके अलावा यहां पंजाबी बुक्स मार्केट भी है जोकि चेतना प्रकाशन,जनचेतना बुक डिपो इत्यादि की ओर से चलाया जा रहा है।