Punjab Weather: झूमकर बरसा मॉनसून, 22 सालों में पहली बार जुलाई में रिकॉर्ड 231.8 मिलीमीटर बारिश
Punjab Weather पटियाला में 327.2 मिलमीटी वर्षा हुई हैं और यहां सामान्य तौर पर 191.2 मिलीमीटर वर्षा होती है। यहां 71 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई हैं। पटियाला में 2000 से लेकर 2022 तक कभी भी इतनी वर्षा नहीं हुई हैं। वहीं फिरोजपुर में 258.2 मिलीमीटर वर्षा हुई हैं जबकि सामान्य वर्षा 97.4 मिलीमीटर हैं। वहीं तरनतारन में 278.1 मिलीमीटर वर्षा हुई हैं जो कि सामान्य से 151 प्रतिशत अधिक हैं।

आशा मेहता, लुधियानाः पूरी तरह से सक्रिय मानसून और पश्चिमी विक्षाेभ ने इस साल जुलाई में पंजाब को पानी पानी कर दिया। पंजाब के कई जिलों में इस बार भारी वर्षा हुई। जिससे बाढ़ की स्थिति बन गई। मौसम केंद्र चंडीगढ़ के अनुसार 22 सालों में पहली बार जुलाई में रिकार्ड 231.8 मिलीमीटर वर्षा हुई है।
जबकि मानसून सीजन के दौरान पंजाब में जुलाई की सामान्य वर्षा 161.4 मिलीमीटर है। संगरूर, मुक्तसर, फाजिल्का, मानसा, बरनाला व मानसा को छोड़कर पंजाब के सभी जिलों में सामान्य से 30 से 150 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई हैं। सबसे अधिक रोपड़ में 595.4 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जबकि सामान्य वर्षा 287.5 मिलीमीटर हैं। रोपड़ में सामान्य से 107 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है।
इसी तरह एसबीस नगर में 502.4 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जबकि सामान्य वर्षा 284.7 मिलीमीटर हैं। यहां भी 76 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई हैं। मोहाली में 472.6 मिलीमीटर वर्षा हुई, जबकि सामान्य वर्षा 208.7 मिलीमीटर वर्षा है। यहां 126 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई हैं। पठानकोट में 496 मिलीमीटर वर्षा हुई हैं, जबकि सामान्य वर्षा 366.5 मिलीमीटर है। यहां 35 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई हैं।
पटियाला में 327.2 मिलमीटी वर्षा हुई हैं और यहां सामान्य तौर पर 191.2 मिलीमीटर वर्षा होती है। यहां 71 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई हैं। पटियाला में 2000 से लेकर 2022 तक कभी भी इतनी वर्षा नहीं हुई हैं। वहीं फिरोजपुर में 258.2 मिलीमीटर वर्षा हुई हैं, जबकि सामान्य वर्षा 97.4 मिलीमीटर हैं। वहीं तरनतारन में 278.1 मिलीमीटर वर्षा हुई हैं, जो कि सामान्य से 151 प्रतिशत अधिक हैं।
लुधियाना में 196.2 मिलीमीटर वर्षा हुई। यह सामान्य से 18 प्रतिशत जयादा रही। गुरदासपुर में 383.3 मिलीमीटर वर्षा हुई, जो कि सामान्य से 61 प्रतिशत अधिक, फतेहगढ़ साहिब में 373.6 मिलमीटर वर्षा हुई। यह सामान्य से 99 प्रतिशत ज्यादा थी। वहीं फरीदकोट में 256.2 प्रतिशत वर्षा हुई, जो कि सामान्य से 139 प्रतिशत ज्यादा हैं।
जुलाई में मानसून काफी एक्टिव रहा
मौसम केंद्र चंडीगढ़ के डायरेक्टर डा. मनमोहन सिंह के अनुसार इस साल जुलाई में मानसून काफी एक्टिव रहा। इसके साथ ही पश्चिमी विक्षोभ भी एक्टिव था। ऐसा बहुत कम होता है कि मानसून के बीच पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ हो। इस साल मौसम का अलग ही रूप देखने को मिला।
इस साल अत्याधिक वर्षा हुई है। हालांकि अगस्त में मानसून की सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है। तीन अगस्त से पांच अगस्त तक पंजाब में भारी वर्षा हाे सकती है। इसके बाद मौसम साफ रहेगा।
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