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    पंजाब में आतंकी हमले की थी साजिश, पाकिस्तान ने चार जेलों में बंद लॉरेंस के 100 गुर्गों की मदद से बनाई थी टीम

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 12:44 PM (IST)

     पाकिस्तान पंजाब में आतंकी हमले की योजना बना रहा था। इस साजिश में, पाकिस्तान ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के 100 सदस्यों की मदद ली, जो पंजाब की चार जेलों में कैद थे। आईएसआई ने इन सदस्यों को हथियार देने का वादा किया था। खुफिया जानकारी के बाद, पंजाब पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है।

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    पाकिस्तान ने चार जेलों में बंद लॉरेंस के 100 गुर्गों की मदद से बनाई थी टीम (फाइल फोटो)

    गगनदीप रत्न, लुधियाना। पाकिस्तान की कुख्यात एजेंसी आइएसआइ पंजाब में किसी भी कीमत पर बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने का प्रयास कर रही है। इसके लिए वह न केवल पंजाब में सक्रिय आतंकियों व गैंगस्टरों की सहायता ले रही है बल्कि दूसरे राज्यों में सक्रिय गैंगस्टरों की मदद भी ले रही है। यह राजफाश लुधियाना में पुलिस की ओर से ग्रेनेड हमले के प्रयास को विफल करने और पांच लोगों से दो हैंड ग्रेनेड व अन्य हथियार बरामद करने के बाद हुआ है।

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    पुलिस जांच में पता चला है कि आइएसआइ के हैंडलर जसवीर चौधरी उर्फ जस्सा ने चार जेलों में बंद लॉरेंस गैंग के 100 से ज्यादा गुर्गों को अपना नंबर शेयर किया और उन्हें कहा था कि वे ये नंबर बाहर बैठे अपने उन साथियों से शेयर करें, जो नशे के आदी हैं या फिर जिन्हें पैसों की जरूरत है। फिर वे चाहे किसी भी राज्य में क्यों न बैठे हों।

    इसके बाद जेलों से यह नंबर बाहर पहुंचा और लगभग 45 लोगों में से पांच लोगों का चयन लुधियाना में ग्रेनेड हमले के लिए किया गया। खास बात यह है कि इन पांचों का आपस में कोई लिंक नहीं था।

    असॉल्ट राइफलें भी मंगवाई जानी थीं

    पुलिस सूत्र बताते हैं कि अगर शमशेर न पकड़ा जाता तो ग्रेनेड हमले के बाद सीमा पार से दो असॉल्ट राइफलें भी मंगवाई जानी थीं। पूछताछ में पता चला है कि जस्सा ने शमशेर को ग्रेनेड हमले का काम सौंपा था।

     

    इसके लिए उसने तीन दिन ग्रेनेड हमले की जगह की रेकी भी की। शमशेर ने बताया कि जस्सा ने उसे ग्रेनेड हमले के बाद पैसा और नशा उपलब्ध करवाने की बात कही थी।

    ग्रेनेड हमला कैसे किया जाना है इसकी ट्रेनिंग उसने यूट्यूब से ली। उसे ग्रेनेड चलाने के लिंक जस्सा भेजता रहा। शमशेर के अनुसार हमले के एक दिन पहले वह डर गया और उसने ग्रेनेड फेंकने से इन्कार कर दिया। इसके बाद आइएसआइ ने हमले की जिम्मेदारी बिहार के जिला भोजपुर के गांव कल्याणपुर निवासी हर्ष कुमार ओझा को दिया। हर्ष के खिलाफ बिहार में रंगदारी, आर्म्स एक्ट के कई मामले दर्ज हैं। इसके अलावा वह ग्रेनेड चलाने का एक्सपर्ट है।

    ग्रेनेड अटैक का था प्लान

    जस्सा ने शमशेर से ग्रेनेड को एक जगह रखने को कहा और उसे उठाने का काम हरियाणा निवासी अजय कुमार को दिया। बाद में अजय को ग्रेनेड हर्ष को सौंपना था। इससे पहले कि शमशेर ग्रेनेड को तय जगह पर रख पाता वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

    पुलिस ने उससे पूछताछ के बाद हर्ष को बिहार से और अजय को लुधियाना से काबू किया। पुलिस ने तीनों की गिरफ्तारी को सार्वजनिक नहीं किया और शमशेर से जस्सा को फोन करवा हैंड ग्रेनेड उठाने आए फाजिल्का के गांव सेरेवाल निवासी दीपू और गंगानगर के गांव ताखरा निवासी राम लाल को मुठभेड़ के बाद पकड़ लिया।

    लुधियाना ही टारगेट क्यों?

    जिले में 24 दिनों में तीन ग्रेनेड, पांच पिस्टल (.30 बोर) और 40 से ज्यादा गोलियां बरामद हो चुकी हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि लुधियाना इंडस्ट्री का हब है। यहां पर बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों के लोग आकर काम करते हैं। आइएसआइ को पता है कि अगर वह लुधियाना में हमला करती है तो डर के कारण दूसरे राज्यों के लोग पलायन कर जाएंगे और इससे इंडस्ट्री पर भी असर पड़ेगा।

    इसी कारण उसने पहले छठ पूजा के दौरान हमले की साजिश रची लेकिन पुलिस ने उसे विफल कर दिया।
    दीपू की हालत गंभीर वीरवार को पुलिस के साथ मुठभेड़ में घायल हुए दीपू की हालत गंभीर बनी हुई है। बताते हैं कि उसे तीन गोलियां लगी हैं और वह धीरे-धीरे कोमा की स्थिति में जा रहा है। वहीं, दूसरे घायल राम लाल की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।