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    Punjab Street Food: जेठू राम की बर्फी के दीवाने हैं बठिंडा के लाेग, 108 साल से चल रही दुकान

    By Vipin KumarEdited By:
    Updated: Sat, 18 Jun 2022 09:53 AM (IST)

    Punjab Street Food बर्फी का नाम लेते ही सबके मुंह में पानी आ जाता है। अगर बठिंडा में बर्फी की बात करें तो जेठू राम की बर्फी सबसे ज्यादा मशहूर है। बर्फी खाने का शौकीन कोई भी ऐसा नहीं मिलेगा।

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    Punjab Street Food: पंडित जेठू राम हलवाई के बेटे जय शिव बर्फी दिखाते हुए। जागरण

    जागरण संवाददाता, बठिंडा। Punjab Street Food: पूजां वाले मोहल्ले में छोटी-सी दुकान से अब शोरूम बन चुके पंडित जेठू राम हलवाई की बर्फी ने शहर को अपने स्वाद का दीवाना बना रखा है। इस दुकान की खास बात यह है कि इस दुकान का अपना ही अनुशासन है और अपना ही अंदाज। बर्फी बहुत मशहूर होने के कारण सभी अधिकारी व नेता लोग भी यहीं से बर्फी खरीदना पसंद करते हैं। इस दुकान का यह अनुशासन है कि ग्राहक भले ही कोई भी हो, रेट कम या ज्यादा नहीं होगा। हां, वह ग्राहक की गरिमा को पहचानते हुए अपनी ओर से बर्फी का डिब्बा भेंट जरूर कर सकते हैं, लेकिन रेट में कम-ज्यादा की कोई गुंजाइश नहीं है।

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    पंडित जेठू राम हलवाई की यह दुकान एक सदी से भी ज्यादा पुरानी है। पिछले 51 साल से दुकान पर बैठने वाले जेठू राम के बेटे जय शिव ने बताया कि यह दुकान उनके पिता पंडित जेठू राम ने 1914 में शुरू की थी। उससे पहले वह खेती किया करते थे। पहले पहले दुकान पर काम काफी कम होता था। वह घरों में जाकर विवाह-शादियों के लिए मिठाई तैयार करने लगे। उनके हाथ में इतनी सफाई थी कि जो भी मिठाई का स्वाद चखता उनका दीवाना हो जाता। ऐसे में उनकी शोभा बढ़ती गई और विवाह-शादियों के काम के अलावा दुकान भी अच्छी चलने लगी। वैसे तो उनकी दुकान की हर एक चीज का स्वाद अपना ही है, लेकिन जेठू राम की हलवाई बहुत ज्यादा मशहूर हो गई।

    जेठू राम की बर्फी सबसे ज्यादा मशहूर

    बर्फी का नाम लेते ही सबके मुंह में पानी आ जाता है। अगर बठिंडा में बर्फी की बात करें तो जेठू राम की बर्फी सबसे ज्यादा मशहूर है। बर्फी खाने का शौकीन कोई भी ऐसा नहीं मिलेगा, जिसने बठिंडा के जेठू राम स्वीट्स की बर्फी का स्वाद न चखा हो। क्योंकि मामला स्वाद का है, इसलिए स्वाद के साथ कोई समझौता नहीं। यही तो वजह है कि 108 साल पुरानी जेठू राम हलवाई की दुकान की बर्फी देश के अलावा विदेश तक भी जाती है। ब¨ठडा की मशहूर बर्फी के बारे में बता रहे हैं गुरप्रेम लहरी..

    क्वालिटी से कभी नहीं किया समझौता

    1971 से पंडित जेठू राम हलवाई के बेटे जय शिव दुकान पर बैठने लगे। अब उनका एक बेटा व एक पोता भी दुकान पर बैठते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने कभी भी क्वालिटी से समझौता नहीं किया। कई लोग सीजन में क्वालिटी घटिया करके मोटी कमाई करते हैं, लेकिन उन्होंने कभी ऐसा नहीं किया। अगर ग्राहक को मिठाई न मिली तो वह दोबारा भी आ सकता है, लेकिन अगर उसको घटिया क्वालिटी की मिठाई मिली, तो वह कभी वापिस नहीं आएगा।

    बर्फी नहीं, भगवान का प्रसाद बनाते हैं

    जय शिव का कहना है कि असल में वह बर्फी नहीं, भगवान का प्रसाद बनाते हैं। भगवान के प्रसाद में तो कोई मिलावट हो ही नहीं सकती और न ही प्रसाद के साथ कोई समझौता ही किया जा सकता है।

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