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Punjab Street Food: लुधियाना की टिक्की चाट के बालीवुड सितारे भी मुरीद, उत्तराखंड से विशेष तौर पर मंगवाए जाते हैं पत्ते

Punjab Street Food News शिव चाट भंडार लुधियाना की सबसे पुरानी दुकानों में से एक है। वर्ष 1963 में इस दुकान की शुरुआत घुमार मंडी से हुई थी। यहां की चाट के कई बालीवुड सितारे भी मुरीद है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 08:18 AM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 12:33 PM (IST)
Punjab Street Food: लुधियाना की टिक्की चाट के बालीवुड सितारे भी मुरीद, उत्तराखंड से विशेष तौर पर मंगवाए जाते हैं पत्ते
शिव चाट भंडार के बाहर अक्सर लोगों की भीड़ लगी रहती है। जागरण

राधिका कपूर, लुधियाना। Punjab Street Food: लुधियानवी हमेशा खाने-पीने के शौकीन रहे हैं। इसकी झलक शहर में देखने को मिलती है। हम बात कर रहे हैं दंडी स्वामी के शिव चाट भंडार की। इस दुकान में आज भी हर व्यंजन मालू के पत्तों से बनी पत्तल में परोसा जाता है। खास बात यह भी है कि मालू के पत्ते विशेष तौर पर उत्तराखंड के ऋषिकेश से मंगवाए जाते हैं।

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शिव चाट भंडार के मुरीद केवल लुधियानवी ही नहीं बल्कि बालीवुड के स्टार भी हैं। यह दुकान जब घुमार मंडी में होती थी तो उस समय बालीवुड के कलाकार अनुपम खेर, दिव्या दत्ता, श्रीदेवी भी यहां की टिक्की चाट का स्वाद चख चुके हैं। दिव्या दत्ता आज भी जब शहर में आती हैं तो शिव चाट भंडार का जिक्र जरूर करती हैं।

परिवार की चौथी पीढ़ी संभाल रही विरासत

लुधियाना के दंडी स्वामी में स्थित शिव चाट भंडार में टिक्की, चाट, गोल-गप्पे, पाव भाजी सब मिलता है। जागरण

शिव चाट भंडार लुधियाना की सबसे पुरानी दुकानों में से एक है। वर्ष 1963 में इस दुकान की शुरुआत घुमार मंडी से हुई थी। आज यह दंडी स्वामी में है। परिवार की चौथी पीढ़ी अपनी विरासत को संभाल लुधियानवियों को लाजवाब स्वाद से अपनी ओर आकर्षित कर रही है। इस दुकान में टिक्की, चाट, गोल-गप्पे, पाव भाजी सब मिलते हैं। शिव चाट भंडार के संचालक बिट्टू कहते हैं कि एक समय करीब दस साल तक उन्हें दुकान बंद करनी पड़ी थी। लोगों की मांग और प्यार के कारण दो साल पहले ही इसे दोबारा शुरू किया गया है।

21 तरह के मसालों का किया जाता है प्रयोग

शिव चाट भंडार की चटनियां भी इसकी खासियत हैं। चाट, टिक्की और कुलचे-चने के साथ परोसी जाने वाली चटनियों में 21 तरह के खड़े मसालों का प्रयोग किया जाता है।

किसी भी व्यंजन में नहीं डाला जाता रंग

यहां की खासियत है कि किसी भी व्यंजन में रंग का प्रयोग नहीं किया जाता है। चाट में विशेष तौर पर मूंग दाल के भल्ले, पकौड़ा, सफेद चने, पापड़ी व दही दिए जाते हैं। इसमें परोसे जाने वाले आलू तड़के वाले होते है। अदरक, चुकंदर चकुंदर के लच्छे इसके स्वाद को कई गुणा बढ़ा देते हैं। इसके लिए तैयार चटनी में इमली की जगह अमचूर का प्रयोग किया जाता है। टिक्की भी खास तौर पर देसी घी में तैयार की जाती है।

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