PUNBUS और PRTC के कच्चे कर्मचरियों ने बस स्टैंड के सामने की रैली, 14-16 अगस्त तक चक्का जाम करने की दी चेतावनी
Punjab News पंजाब के लुधियाना में पनबस और पीआरटीसी के कच्चे कर्मचारियों ने 14 से 16 अगस्त तक चक्का जाम करने की चेतावनी दी है। बहुत से कर्मचारी पिछले 10 से 15 वर्षों से काम कर रहे हैं। कर्मचारियों पर कोई भी सिविल सेवा नियम लागू नहीं होता है राजकोष से वेतन नहीं मिलता है। पिछली सरकारों की तरह आम आदमी पार्टी की सरकार भी धोखा दे रही है।

लुधियाना, जागरण संवाददाता: पंजाब रोडवेज,पनबस और पीआरटीसी ग्रुप डिपो में कच्चे तौर पर काम करने वाले कर्मचारियों ने सरकार द्वारा उनकी मांगे पूरी न किए जाने के विरोध में 14 से 16 अगस्त तक बसों का चक्का जाम करने की चेतावनी दी है।
शुक्रवार को कच्चे कर्मचारियों ने लुधियाना बस स्टेंड के सामने गेट रैली की। इस दौरान लुधियाना डिपो के गेटकीपर प्रवीन कुमार, दलजीत सिंह ने कहा पंजाब में ठेकेदारी प्रथा लागू है। उन्हें विभाग में काम करते हुए वर्षो हो गए।
बहुत से कर्मचारी पिछले 10 से 15 वर्षों से काम कर रहे हैं। कर्मचारियों पर कोई भी सिविल सेवा नियम लागू नहीं होता है, राजकोष से वेतन नहीं मिलता है। पिछली सरकारों की तरह आम आदमी पार्टी की सरकार भी धोखा दे रही है। सरकार बनने के बाद से ही हम रुके हुए हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के साथ कई बैठकें हुईं।
कर्मचारियों की सभी मांगों को किया जाएगा जल्द हल
हमें आश्वासन दिया गया था कि परिवहन विभाग के कर्मचारियों की सभी मांगों को जल्द ही हल किया जाएगा। लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। उल्टा, अब निजी मालिकों की बसों को किलोमीटर स्कीम और ठेकेदारी प्रणाली के तहत लाया जा रहा है, उन्हें आउटसोर्स आधार पर बहुत कम वेतन पर भर्ती किया जा रहा है। जिससे दिन-रात की मेहनत से घर का खर्च भी नहीं चल पाता है।
मांगों का नहीं किया जा रहा समाधान
ऐसे में अगर सरकार दो दिन के भीतर उनकी मांगों का समाधान नहीं किया, तीन दिनों तक बसों का चक्का जाम करने के साथ साथ स्वतंत्रता दिवस पर जहां भी मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री ध्वजारोहण करेंगे, वहां संगठन की ओर से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा और ठेकेदारी प्रथा की गुलामी हटाने के बारे में सवाल पूछे जाएंगे। इसकी जिम्मेदारी प्रबंधन और सरकार की होगी।
कच्चे मुलाजिमों की मांगे
- सरकार को सिविल सेवा नियमों के तहत पनबस, पीआरटीसी कर्मचारियों की नियुक्ति करनी चाहिए।
- सरकार को सभी वर्गों के लिए समान कार्य समान वेतन लागू करना चाहिए और पांच प्रतिशत वेतन वृद्धि सहित वेतन में एकरूपता लानी चाहिए।
- किलोमीटर स्कीम की बसें बंद की जाएं और पंजाब के अनुपात के अनुसार कम से कम 10 हजार सरकारी बसों की व्यवस्था की जाए।
- सरकार मारू शर्त को निरस्त करे, बर्खास्त कर्मचारियों को बहाल करे, सिविल सेवा नियम लागू करे।
- परिवहन माफिया को खत्म करें, सरकारी बसों के पक्ष में समय सारिणी बनाएं, सरकारी बसों और सरकारी नौकरियों की व्यवस्था करें।
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