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    कहीं नागरिकता न बदल जाए... इस डर से पाकिस्तान जा रही थी महिला, ट्रेन में बैठी तो सभी कोशिशों पर फिर गया पानी

    Updated: Fri, 12 Jan 2024 12:28 PM (IST)

    Punjab News पाकिस्तान की महविश को ट्रेन से उतरना पड़ा। दो बेटियों की मां महविश ने लुधियाना के सिविल अस्पताल में तीसरी बेटी को जन्म दिया जबकि सीमा पार उसका पति शोएब राइन उसका इंतजार कर रहा था। आगरा की रहने वाली महविश के परिवार वाले अब अस्पताल से छुट्टी का इंतजार कर रहे हैं ताकि उसे अटारी-वाघा के रास्ते उसके घर पहुंचाया जा सके।

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    नवजात का जन्म हिंदुस्तान में हुआ तो अब बच्ची की नागरिकता पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है

    लुधियाना, भूपेंदर भाटिया (Punjab News) l एक ओर पाकिस्तान जाने के लिए अटारी-वाघा बॉर्डर पार करने की मानसिक परेशानी और दूसरी ओर प्रसव पीड़ा होने से पाकिस्तान की महविश को ट्रेन से उतरना पड़ा। दो बेटियों की मां महविश ने लुधियाना के सिविल अस्पताल में तीसरी बेटी को जन्म दिया, जबकि सीमा पार उसका पति शोएब राइन उसका इंतजार कर रहा था। परिवार चाहता था कि डिलीवरी होने से पहले उसे अटारी बॉर्डर पार करवाया जा सके ताकि नवजन्मा बच्चा पाकिस्तान का नागरिक हो सके, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। नवजात का जन्म हिंदुस्तान में हुआ।

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    महविश का परिवार कर रहा छुट्टी का इंतजार

    आगरा की रहने वाली महविश के परिवार वाले अब अस्पताल से छुट्टी का इंतजार कर रहे हैं, ताकि उसे अटारी-वाघा के रास्ते उसके घर पहुंचाया जा सके। महविश को अटारी बॉर्डर छोड़ने जा रहे उसके भाई जिबरान खान निवासी शाहिद नगर, आगरा ने बताया कि उनकी बहन की शादी 2017 में कराची निवासी शोएब राइन से हुई थी। उसकी दो बेटियां पहले से हैं। दो माह पहले महविश मायके आगरा आई थी। लौटने से पहले उसे वीजा मिलने में समस्या आई तो रुकना पड़ा। गर्भवती होने के कारण उसकी डिलीवरी डेट भी करीब आ रही थी। किसी तरह वीजा की औपचारिकता पूरी होने के बाद उसे छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन से अटारी बार्डर छोड़ने जा रहे थे।

    रेलवे के 139 नंबर पर किया गया संपर्क

    लुधियाना से पहले महविश को प्रसव पीड़ा उठी। हालत बिगड़ने पर रेलवे के 139 नंबर पर संपर्क किया। इसके बाद जीआरपी ने ट्रेन से ही उनकी सारी जानकारी ली और व्यवस्था में जुट गए। उनका एक रिश्तेदार भी लुधियाना में रहता है। संपर्क करने पर उसने सिविल अस्पताल लुधियाना स्थित संवेदना एंबुलेंस के ड्राइवर का उसे नंबर दिया। फिर उन्होंने बात कर एंबुलेंस लुधियाना बुला ली।

    बच्ची को पाकिस्तानी नागरिकता मिलने में न आए कोई परेशानी

    ट्रेन लुधियाना पहुंचने पर महविश को सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। महविश का परिवार चाहता था कि डाक्टर दवा या इंजेक्शन के जरिये उसकी डिलीवर कुछ घंटों के लिए टाल दें और वह सड़क मार्ग से अटारी बार्डर पहुंच जाए, लेकिन डाक्टरों ने गंभीर हालत देखते हुए इसकी इजाजत नहीं दी। इसके बाद महविश ने लुधियाना में बच्ची को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। बच्ची के जन्म के बाद वाघा सीमा पार इंतजार कर रहे महविश के पति शोएब राइन को भी इसकी जानकारी दी गई। अब परिवार इस बात को लेकर पसोपेश में है कि बच्ची को पाकिस्तान की नागरिकता मिलने में किसी तरह की समस्या न आए।

    बच्ची को मिल सकती है भारत या पाकिस्तान की नागरिकता

    लुधियाना में जन्मी बच्ची को भारत या पाकिस्तान की नागरिकता मिल सकती है। भारत में जन्म के बाद उसके माता पिता भारत की नागरिकता के लिए आवेदन करते हैं तो वह इसकी हकदार है। पाकिस्तान के कानून के मुताबिक वहां की नागरिकता भी मिल सकती है।

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