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    Grain Lifting Scam: आरके सिंगला पर मेहरबान थी पूर्व कांग्रेस सरकार, चार्जशीट के बाद भी ट्रांसपोर्टेशन पालिसी का दिया जिम्मा

    By Vipin KumarEdited By:
    Updated: Sat, 03 Sep 2022 10:11 AM (IST)

    Punjab Grain Lifting Scam अनाज ढुलाई घोटाले में नामजद बर्खास्त डिप्टी डायरेक्टर आरके सिंगला की सत्ता के शार्ष तक धमक थी। विजिलेंस को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग सिंगला पर की मेहरबानियों से संबंधित फाइलें मुहैया नहीं करवा पा रहा है।

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    Punjab Grain Lifting Scam: बर्खास्त डिप्टी डायरेक्टर आरके सिंगला पर पूर्व कांग्रेस सरकार रही मेहरबान। (फाइल फाेटाे)

    दिलबाग दानिश, लुधियाना। Punjab Grain Lifting Scam: अनाज ढुलाई घोटाले में नामजद बर्खास्त डिप्टी डायरेक्टर आरके सिंगला पर पूर्व कांग्रेस सरकार खास मेहरबान रही थी। सिंगला के खिलाफ चल रही कई मामलों की जांच के बावजूद उसे जनवरी 2019 में लेबर एवं ट्रांसपोर्टेशन पालिसी का काम दे दिया गया था। विजिलेंस ने भी उन्हें अनाज ढुलाई घोटाले में साजिशकर्ता बताया है। कनाडा चले जाने के कारण अब तक सिंगला की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

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    दस्तावेजों को जांच का हिस्सा बनाया

    अनाज ढुलाई घोटाले की जांच चल रही है तो विजिलेंस को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग सिंगला पर की मेहरबानियों से संबंधित फाइलें मुहैया नहीं करवा पा रहा है। विजिलेंस ने इन दस्तावेजों को जांच का हिस्सा बनाया है। इन्हें चार्जशीट में भी शामिल किया जाएगा। विजिलेंस के पास मौजूद दस्तावेजों के अनुसार पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुआई में कांग्रेस की सरकार बनने से पहले डिप्टी डायरेक्टर राकेश सिंगला ने 25 मई, 2017 को विभाग से समय से पहले सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया था।

    वर्ष 2019 में सिंगला को पाया था दाेषी

    इसके लिए उन्होंने तीन माह का नोटिस न देने के बदले अपना 2.85 लाख रुपये वेतन छोड़ने के लिए भी हामी भर दी थी, लेकिन डिप्टी डायरेक्टर को इसकी मंजूरी नहीं दी गई थी। उनके खिलाफ शिकायतों की जांच चल रही थी। कई मामलों में उन्हें चार्जशीट तक किया जा चुका था। उनके पास कनाडा की नागरिकता होने की शिकायत भी थी। वर्ष 2019 में सिंगला को कनाडा की नागरिकता का दोषी पाया गया था।

    कनाडा की नागरिकता लेने के मामले में सिंगला को किया था बर्खास्त

    इसके बावजूद पूर्व सरकार ने दो जनवरी, 2019 को सिंगला को सहायक डायरेक्टर कम चेयरमैन सीवीसी यानि चीफ विजिलेंस कमिश्नर रहते हुए ही लेबर एंड ट्रांसपोर्टेशन पालिसी का चेयरमैन लगा दिया गया था। इसके बाद सिंगला को 15 फरवरी, 2019 को सभी खरीद एजेंसियों को सप्लाई किए जाने वाले क्रेट की जांच का काम भी उन्हें सौंप दिया गया था।

    विजिलेंस अब उन्हीं कड़ियों को जोड़ रही है कि सरकार ने सिंगला पर इतनी मेहरबानियों किसके कहने पर की थीं। गौरतलब है कि बीती 20 अगस्त को कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने कनाडा की नागरिकता लेने के मामले में सिंगला को बर्खास्त कर दिया था।

    यह उठ रहे सवाल?

    • आरके सिंगला के सिर पर था किसका हाथ।
    • किसके कहने पर सरकार थी इतनी मेहरबान।
    • बर्खास्त करने की जगह क्यों सौंपे गए महत्वपूर्ण काम।
    • कांग्रेस सरकार बनने से पहले सिंगला ने मांग ली थी समय से पहले सेवानिवृत्ति।