पंजाब ब्राह्मण बोर्ड का केंद्र पर हमला, 1600 करोड़ के राहत पैकेज को बताया 'ऊंट के मुंह में जीरा'
पंजाब राज्य ब्राह्मण कल्याण बोर्ड के निदेशक करण शर्मा ने केंद्र सरकार द्वारा बाढ़ राहत पैकेज को अपर्याप्त बताया। उन्होंने कहा कि 1600 करोड़ रुपये का मुआवजा ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। शर्मा ने मांग की कि केंद्र सरकार मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा मांगे गए 20 हजार करोड़ रुपये का पैकेज दे।

जागरण संवाददाता, लुधियाना। केंद्र सरकार को पंजाब के बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के नाम पर सिर्फ़ 1600 करोड़ रुपये का मुआवज़ा पैकेज देकर पंजाब का मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए। क्योंकि यह मदद ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।
यह विचार पंजाब राज्य ब्राह्मण कल्याण बोर्ड के निदेशक करण शर्मा ने व्यक्त किए। उनकी तरफ से वीरवार को एक प्रेस ब्यान जारी किया गया। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार सचमुच पंजाब की मदद करना चाहती है, तो उसे मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा मांगे गए 20 हज़ार करोड़ रुपये का पैकेज पंजाब को दे।
केंद्र सरकार लगातार पंजाब और पंजाबियों के साथ भेदभाव करती आ रही है। केंद्र की मोदी सरकार पहले ही ग्रामीण विकास निधि (आरडीएफ) के हज़ारों करोड़ रुपये रोक चुकी है। अब बाढ़ से तबाह हुए पंजाब का दर्द बांटने की बजाय, केंद्र सरकार छोटा-सा राहत पैकेज देकर पंजाब का मज़ाक उड़ा रही है।
करण शर्मा ने आगे कहा कि बाढ़ के कारण पंजाब के 2300 से ज़्यादा गांव पूरी तरह तबाह हो गए हैं। घर ढह गए हैं, घरेलू सामान पानी में बह गया है। बाढ़ में जानवरों की भी जान चली गई है। ट्रैक्टर और खेती से जुड़ी तमाम मशीनें और औज़ार बाढ़ में बह गए हैं और पता नहीं कहां गए।
इन गाँवों और ग्रामीणों को फिर से बसाने के लिए प्रति गांव कम से कम 10 करोड़ रुपये राहत के तौर पर दिए जाने चाहिए। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा घोषित पैकेज से प्रति गांव लगभग 80 लाख रुपये ही बन रहे हैं।
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