जागरण संवाददाता, लुधियाना। पूर्व खाद्य आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु के खिलाफ चल रहे केस में नवजोत सिंह सिद्धू की गवाही नहीं हो सकी है। पंजाब एवं हाईकोर्ट की तरफ से दी गई राहत के खिलाफ बलविंदर सेखों ने अपील करने का फैसला लिया है और इस संबंधी आज अदालत में इस संबंधी बता भी दिया है। जिसके बाद यह पेशी टाल दी गई है।
पहले 21 अक्तूबर को नवजोत सिंह सिद्धू को शारीरिक तौर पर अदालत में पेश होने को कहा था, उस दिन वह पेश नहीं हुए तो आज उन्हें दोबारा से पेश होना था। इससे पहले ही हाईकोर्ट ने राहत देते हुए वीडियो कानफ्रेंसिंग के जरिए गवाही की इजाजत दे दी थी।
शिकायतकर्ता के वकील ने आज सीजेएम सुमित मक्कड़ की अदालत के समक्ष अनुरोध किया कि वे वीडियो-कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सिद्धू की गवाही नहीं करवाना चाहते क्योंकि वे वीडियो-कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाह सिद्धू की परीक्षा की अनुमति देने वाले उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देना चाहते हैं। इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 4 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
बता दें कि बर्खास्त डीएसपी बलविंदर सिंह सेखों ने ग्रैंड मैनर होम्स सीएलयू मामले की जांच से संबंधित उत्पीड़न और आपराधिक धमकी का आरोप लगाते हुए जनवरी 2020 में पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु के खिलाफ अदालत का रुख किया था।
उन्होंने अदालत से अपील की थी कि पुलिस को सरकारी कर्मचारी को काम के दौरान धमकाने, बाधा डालने और जान से मारने की धमकियां देने का केस दायर किया था। इसकी सुनवाई चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट सुमित मक्कड़ की अदालत में चल रही है। उनके द्वारा दी गई रिपोर्ट की फाइल गुम हो चुकी है ओर इसी में ही गवाही के लिए नवजोत सिंह सिद्धू को बुलाया गया था।