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    सांस फूले और सीने में हो दर्द,तो तुरंत चिकित्सक से करवाएं जांच

    By Edited By:
    Updated: Mon, 19 Dec 2016 03:02 AM (IST)

    जागरण संवाददाता,लुधियाना चलते वक्त अगर अचानक सांस तेजी से फूलने लगे, सीने और दिल में दर्द महसू

    जागरण संवाददाता,लुधियाना

    चलते वक्त अगर अचानक सांस तेजी से फूलने लगे, सीने और दिल में दर्द महसूस हो, खूब पसीना आए और शरीर ठंडा पड़कर बेहोशी आए तो बगैर देर किए तुरंत किसी अच्छे अस्पताल के चिकित्सक के पास पहुंचे क्योंकि, ये लक्षण ब्लड में क्लॉट होने के हो सकते हैं और इन लक्षणों को अनदेखा करना जीवन पर भारी पड़ सकता है। ये कहना था हृदय रोग विशेषज्ञों का जो रविवार दोपहर होटल ए में इंडियन अकेडमी ऑफ इकोकार्डियोग्राफी (आइएई)लुधियाना चैप्टर की ओर से 'पल्मोनरी एम्बोलिज्म' पर आयोजित सीएमई में शामिल होने पहुंचे थे।

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    सीएमई में शहर के जाने माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ विश्व मोहन, डॉ एचएस बेदी, डॉ रोहित टंडन, डॉ शोभित, डॉ महल, डॉ कुलवंत, डॉ अविनाश जिंदल व अन्य विशेषज्ञ पहुंचे। सीएमई में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ विश्व मोहन व डॉ शोभित ने पल्मोनरी इम्बोलिज्म के कारण व लक्षणों का जिक्र किया।

    दोनों विशेषज्ञों ने कहा कि पल्मोनरी इम्बोलिज्म की स्थिति खून गाढ़ा होने पर उत्पन्न होती है। खून गाढ़ा होने पर ब्लड नाड़ियों में जमा हो जाता है। जमा हुआ ब्लड क्लॉट्स का रूप ले लेता है। यदि किसी व्यक्ति की नसों में छोटा ब्लड क्लाट्स हो तो उसे लगातार बुखार रहना, शरीर गर्म रहना, लंग्स व छाती में दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जबकि ब्लड क्लाट्स बड़ा होने पर तेज गति से सांस फूलना, सीने में तेज दर्द, शरीर ठंडा पड़ना, अचानक बेहोशी आना, खूब पसीना आना, अचानक से हार्ट अटैक की समस्या आ सकती है। उपरोक्त लक्षण सामने आने पर तुरंत किसी अच्छे अस्पताल के चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

    समय पर हो जांच तो दवाइयों से इलाज संभव

    आइएई लुधियाना चैप्टर के जनरल सेक्रेटरी डॉ आशीष सक्सेना ने पल्मोनरी एम्बोलिज्म को डिटेक्ट करने के लिए करवाए जाने वाले विभिन्न टेस्टों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि सीटी स्कैन से पल्मोनरी आर्टरी में पल्मोनरी एम्बोलिस्म (फेफड़े में रक्त का बहाव) की जांच की जाती है। इसके अतिरिक्त इकोकार्डियोग्राफी, राइट हार्ट कैथीटेराइजेशन, छाती के एक्स-रे, पल्मोनरी एंजियोग्राफी (एंजियोग्राम) से पल्मोनरी इम्बोलिज्म को डिटेक्ट किया जा सकता है। यदि पल्मोनरी एम्बोलिज्म की जांच शुरुआत में ही हो जाती है, तो इसका इलाज दवाइयों से किया जा सकता है। ऐसी कई दवाइयां है, जो ब्लड क्लाट्स को घोल देती हैं।