Property Tax: लुधियाना नगर निगम की डिफाल्टर्स पर मेहरबानी, प्रापर्टी टैक्स रिटर्न में 50 फीसद की गिरावट
Property Tax निगम की लापरवाही से लुधियाना निगम की आय आधी रह गई है। लुधियाना में वर्ष 2013-14 में निगम के पास प्रापर्टी टैक्स की 3.52 लाख रिटर्न फाइल होती थीं। अब वह हर साल घट रही है।

जागरण संवाददाता, लुधियाना। Property Tax: महानगर का दायरा समय के साथ बढ़ता जा रहा है। बीते 10 साल में शहर में इमारतों की संख्या दोगुना हो गई है, लेकिन इसके विपरीत प्रापर्टी टैक्स कलेक्शन के ग्राफ में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। 10 साल में प्रापर्टी टैक्स रिटर्न फाइल करने की संख्या 50 प्रतिशत तक कम हो गई है। वर्तमान समय में निगम के अनुसार 4.25 लाख इमारतें हैं। इनमें रिहायशी, व्यवसायिक और कारोबारी इमारतें शामिल हैं। शहर में इमारतों का निर्माण अब भी हो रहा है लेकिन निगम के खजाने में इसका असर देखने को नहीं मिल रहा है।
पिछले साल 93 करोड़ रुपये ही हाे पाई थी वसूली
लुधियाना में वर्ष 2013-14 में निगम के पास प्रापर्टी टैक्स की 3.52 लाख रिटर्न फाइल होती थीं। वहीं, 2021-22 में प्रापर्टी रिटर्न की संख्या कम होकर केवल 1.70 लाख तक सिमट गई है। बीते वित्त वर्ष में निगम ने प्रापर्टी टैक्स से 110 करोड़ रुपये की आय का लक्ष्य रखा था लेकिन यह आंकड़ा 93 करोड़ रुपये तक सिमट कर रह गया था। इस साल भी निगम ने बजट में प्रापर्टी टैक्स से 130 करोड़ रुपये की आय का लक्ष्य रखा है लेकिन पांच माह बीत जाने पर भी जो प्रापर्टी टैक्स कलेक्शन की रफ्तार है वह बहुत धीमी है।
निगम के खजाने में प्रापर्टी टैक्स से केवल 34 कराेड़ ही पहुंचे
अब तक निगम के खजाने में प्रापर्टी टैक्स से 34 करोड़ रुपये ही पहुंचे हैं। इसमें पुराना बकाया भी शामिल है। गौरतलब है कि सरकार ने भी निगम के बजट में प्रापर्टी टैक्स से प्रस्तावित आय के लक्ष्य पर कैंची चलाकर उसे कम कर 100 करोड़ रुपये कर दिया था। इसमें साफ किया गया था कि केवल लक्ष्य बढ़ाने मात्र से कुछ नहीं होगा। तय लक्ष्य को प्राप्त भी करना होगा।
वर्ष प्रापर्टी टैक्स रिटर्न की संख्या
-2013-14 3.52 लाख
-2014-15 2.50 लाख
-2015-16 2.42 लाख
-2016-17 2.32 लाख
-2017-18 2.21 लाख
-2018-19 2.10 लाख
-2019-20 1.90 लाख
-2020-21 1.85 लाख
-2021-22 1.70 लाख
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