Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    एक महीने से अंधेरे में पंजाब के स्वतंत्रता सेनानी का परिवार, बिल नहीं भरने पर काटा कनेक्शन; सीएम आवास के सामने मरणव्रत का एलान

    By Vipin KumarEdited By:
    Updated: Sat, 09 Apr 2022 05:20 PM (IST)

    पंजाब विधानसभा चुनाव में मुफ्त बिजली के वादे कर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी का सच सामने आना शुरू हाे गया है। संगरूर में एक स्वतंत्रता सेनानी के परिवार काे बिल का भुगतान नहीं करने पर कनेक्शन काट दिया।

    Hero Image
    संगरूर में स्वर्गीय स्वतंत्रता सेनानी गुरदियाल सिंह की बहू मनप्रीत कौर बिजली बिल दिखाते हुए।

    जागरण संवाददाता, संगरूर। पंजाब की नई सरकार के लिए बिजली जहां गले की फांस बन रही है, वहीं आम लोगों को भी बिजली के रोजाना झटके लग रहे हैं। संगरूर में एक स्वर्गीय स्वतंत्रता सेनानी का परिवार पिछले करीब एक माह से अंधेरे में जिंदगी व्यतीत कर रहा है, क्योंकि पावरकाम ने पहले उन्हें करीब एक लाख रुपये का भारी भरकम बिजली बिल भेजा व फिर बिल का भुगतान नहीं होने पर कनेक्शन काट दिया। इतना ही नहीं, हलका विधायक के आदेशों पर भी पावरकाम ने पीड़ित परिवार का कनेक्शन बहाल नहीं दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लिहाजा अब परिवार ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से मदद की गुहार लगाई है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर बिजली कनेक्शन बहाल न किया तो परिवार मुख्यमंत्री आवास के समक्ष मरणव्रत पर बैठने के लिए मजबूर होगा। स्वतंत्रता सेनानी की परिवार दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है और उनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है।

    उल्लेखनीय है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नजदीकी साथी व प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय गुरदियाल सिंह का परिवार बहू-बेटा व अन्य सदस्य सरकारों की बेरूखी का शिकार हो रहा है। स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर लगे बिजली मीटर का बकाया नहीं भरने से घर का कनेक्शन काट दिया गया है। यहीं नहीं, जब परिवार ने अपने पड़ोसी से बिजली की तार के जरिये सप्लाई चलाने की कोशिश की तो विभाग ने पड़ोसियों को कनेक्शन काटने की धमकी दी। अब नौबत यहां तक आ पहुंची है कि परिवार पिछले 25 दिनों से भीषण गर्मी में बगैर बिजली की सुविधा के दिन काटने को मजबूर है।

    सवा लाख का बिजली बिल

    स्वतंत्रता सेनानी गुरदियाल सिंह की बहू मनप्रीत कौर ने बताया कि उनके घर पर पहले से पांच किलोवाट का मीटर लगा था। विभाग ने फरवरी 2018 में स्वतंत्रता संग्रामी कोटे से एक किलोवाट का नया मीटर लगा दिया। 30 अगस्त 2019 को गुरदियाल सिंह का निधन हो गया। अक्टूबर 2019 दौरान विभाग ने बिजली का 98,850 रुपये बिल भेज दिया। उसी दिन विभाग के कर्मचारी परिवार को बगैर बताए मीटर उतारकर ले गए। शाम को मीटर दोबारा लगा गए। नवंबर 2019 में विभाग ने मीटर उतार लिया। परिवार के मुताबिक उस समय बिल न भरने से विभाग ने अब इसमें ब्याज जोड़कर 1 लाख 36 हजार 961 रुपये की रकम बना दी है। बेशक पिछली सरकार के समय बकाया बिलों को माफ करने के आदेश भी जारी हुए थे, लेकिन इस आदेश को भी विभाग ने अनदेखी कर दिया गया।

    फरवरी में उतार लिया बिजली मीटर

    मनप्रीत कौर ने बताया कि 14 फरवरी 2022 को विभाग ने घर पर लगा पांच किलोवाट का दूसरा मीटर भी उतार लिया। उनका कहना था कि परिवार ने एक किलोवाट वाले मीटर का बकाया नहीं भरा। जब परिवार ने इस संबंधी विभाग के एसडीओ से बात की तो उन्होंने भी शिकायत को गंभीरता से नही लिया। तंग आकर परिवार ने मुख्यमंत्री भगवंत मान, आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल व बिजली मंत्री को पत्र लिखकर इंसाफ देने की मांग की, लेकिन पत्रों का कोई जवाब नहीं मिला।

    विधायक के आदेश पर भी गंभीर नहीं पावरकाम

    मनप्रीत कौर ने कहा कि उन्हाेंने गत माह विधायक नरिंदर कौर भराज से मुलाकात करके सारे मसले से उन्हें अवगत करवाया। उन्होंने जल्द मसले के हल का भरोसा दिलाया था। इसके बाद फिर कई बार मुलाकात की। 2 अप्रैल को विधायक नरिंदर कौर भराज से मिले तो उन्होंने उऩकी अर्जी पर दस्तख्त करके तुरंत विभाग को बिजली कनेक्शन जोड़ने की हिदायत की, लेकिन विभाग ने फिर भी कनेक्शन नहीं जोड़ा। ऐसे में आज परिवार करीब महीने भर से अंधेरे में जिंदगी व्यतीत कर रहा है।

    मरणव्रत पर बैठने का लिया फैसला

    पीड़िता मनप्रीत कौर ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी का परिवार होने के चलते परिवार को बनता मान-सम्मान देने की बजाए विभाग द्वारा उन्हें मानसिक तौर पर परेशान किया जा रहा है। लाखों रुपये के बिजली बिल का बोझ परिवार पर डाल दिया है। स्वतंत्रता सेनानी के परिवार की कोई भी फरियाद नहीं सुनी जा रही। ऐसे में परिवार ने मजबूर होकर मंगलवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान की कोठी समक्ष मरणव्रत का फैसला लिया है।

    परिवार द्वारा लगाए आराेप बेबुनियाद

    एसडीओ निशांत पहूजा का कहना है कि उक्त मामला एसडीएम के पास विचाराधीन है। जो फैसला आएगा, उसके मुताबिक लागू किया जाएगा।