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    Power Crisis In Punjab: पंजाब में इंडस्ट्री पर एक दिन और बढ़ा कट, 9 हजार लार्ज यूनिट्स में बंद रहेगा उत्पादन

    Power Crisis In Punjab उद्यमियों का कहना है कि पावर कट से रोजाना इंडस्ट्री को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। इसकी भरपाई की कोई संभावना नहीं है। बैंकों का एनपीए बढ़ेगा और यहां की इंडस्ट्री बर्बाद हो जाएगी।

    By Vipin KumarEdited By: Updated: Thu, 08 Jul 2021 10:51 AM (IST)
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    अब 11 जुलाई सुबह आठ बजे तक बंद रहेगी लार्ज इंडस्ट्री। (सांकेतिक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, लुधियाना। Power Crisis In Punjab: राज्य में बिजली संकट बरकरार है। बुधवार को पावर काम ने एक आदेश जारी करके लार्ज इंडस्ट्री पर बिजली कट एक दिन के लिए और बढ़ा दिया है। अब लार्ज इंडस्ट्री में उत्पादन 11 जुलाई को सुबह आठ बजे के बाद शुरू हो पाएगा। इससे पहले पावरकाॅम ने आदेश जारी करके सात जुलाई सुबह आठ बजे से 72 घंटे के लिए यानी दस जुलाई सुबह आठ बजे तक लार्ज इंडस्ट्री पर आफ डे लागू करने का फरमान जारी किया था। अब बुधवार को पावरकाॅम ने नया फरमान जारी करके आफ डे को 11 जुलाई सुबह आठ बजे तक कर दिया है।

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    नतीजतन अब पावर कट 96 घंटे का हो गया है। इससे उद्यमियों की नाराजगी बढ़ रही है। उद्यमियों का कहना है कि पावर कट से रोजाना इंडस्ट्री को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। इसकी भरपाई की कोई संभावना नहीं है। बैंकों का एनपीए बढ़ेगा और यहां की इंडस्ट्री बर्बाद हो जाएगी। उद्यमियों ने साफ किया है कि अब सभी संगठनों के साथ रणनीति बना कर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरा जाएगा।

    यूनाइटेड साइकिल एंड पाटर्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष चरणजीत सिंह विश्वकर्मा का कहना है कि सरकार की मिसमैनेजमेंट का खामियाजा इंडस्ट्री को भुगतना पड़ रहा है। पंजाब में कच्चा माल बाहर से आता है। 95 फीसद तैयार माल बाहर जाता है। माल भाड़ा दोगुना लगता है। पहले पंजाब में सिर्फ सस्ती ही बिजली थी, तभी यहां पर इंडस्ट्री लगी। अब यहां बिजली महंगी हो गई है, दूसरे बिजली मिल भी नहीं रही है। इससे सूबे में नया निवेश प्रभावित होगा। ऐसे में उद्यमियों को विस्तार के लिए मजबूरन दूसरे राज्यों का रूख भी करना पड़ सकता है।

    स्माल स्केल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रधान जसविंदर सिंह ठुकराल ने कहा कि पावरकाम की प्लानिंग पूरी तरह से फेल है। अब इंडस्ट्री बंद करके कमी को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। पहले कोविड ने तीन माह बर्बाद कर दिए, अब बिजली संकट कर रहा है। सभी औद्योगिक संगठनों से आग्रह किया गया है कि एक मंच पर आकर पावरकाम के खिलाफ आवाज बुलंद की जाए।