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    पंजाब में आलू उत्पादकों पर भारी पड़ रहा रेल रोको आंदोलन, छह दिनों से नहीं जा पाई आलू से लोड किसान ट्रेन

    By Vipin KumarEdited By:
    Updated: Sun, 26 Dec 2021 12:54 PM (IST)

    Rail agitation in Punjab मंडल की तरफ से आलू की पांच और किसान रेल चलाई जानी है लेकिन आंदोलन के चलते इसका परिचालन संभव नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि एक डिब्बे की मांग को भी पूरा किया किया जा रहा है।

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    अमृतसर-खेमकरण रेलवे मार्ग स्थित वरियाला रेलवे स्टेशन पर धरने मौके नारेबाजी करते किसान-मजदूर। (जागरण)

    संवाद सहयोगी, फिरोजपुर। किसानों का रेल रोको आंदोलन आलू उत्पादकाें पर भारी पड़ रहा है। किसानों के धरने के कारण दूसरे राज्यों में आलू भेजने के लिए चल रही फिरोजपुर मंडल की किसान रेल का पहिया भी थम चुका है। हालांकि रेल रोको आंदोलन से पहले किसान रेल चलती रही और 10 किसान रेल के जरिये आलू असम और अगरतला को जाता रहा, लेकिन पिछले छह दिनों से ट्रैक जाम के कारण जालंधर सिटी से किसान रेल में लोडिंग होने वाला आलू बाहर नहीं जा पा रहा। फिरोजपुर मंडल की डीआरएम सीमा शर्मा ने दावा किया है कि रेल आंदोलन से पहले केवल 25 दिनों (नवंबर एवं दिसंबर माह के दौरान) में जालंधर सिटी रेलवे स्टेशन से उत्तर पूर्व राज्यों असम के होजाई तथा अगरतला के लिए आलू की 10 किसान रेल भेजी गई। इससे लगभग 1.75 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ।

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    होशियारपुर और लुधियाना में भी आलू की अच्छी पैदावार

    मंडल की तरफ से आलू की पांच और किसान रेल चलाई जानी है लेकिन आंदोलन के चलते इसका परिचालन संभव नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि एक डिब्बे की मांग को भी पूरा किया किया जा रहा है। मोगा, अमृतसर, होशियारपुर और लुधियाना में भी आलू की अच्छी पैदावार होती हैं, इसलिए वहां के किसानों और व्यापारियों को भी पीसमील वैगन में लोडिंग का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

     छठे दिन 145 ट्रेनें रहीं प्रभावित 93 ट्रेनें रहीं कैंसिल, 30 को किया गया शार्ट टर्मिनेट

    किसान मजदूर संघर्ष कमेटी से जुडे किसानों ने संपूर्ण कर्ज माफी सहित अन्य मांगों को लेकर छठे दिन भी रेल ट्रैक पर धरना दिया। धरने के कारण 145 ट्रनों का आवागमन प्रभावित रहा। 93 ट्रेनें रहीं रद रहीं और 30 को शार्ट टर्मिनेट किया गया। फिरोजपुर में बस्ती टैंकों वाली के पुल पर रेल ट्रैक पर बैठे किसानों को संबोधित करते हुए राज्य उपप्रधान जसबीर सिंह पिद्दी ने कहा कि चन्नी सरकार ने किसानों के दबाव में एक मांग तो मान ली है कि दिल्ली आंदोलन मे जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को पांच-पांच लाख का मुआवजा और नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बाकी मांगाें पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।