नेता भूल गए वादे... नौ साल से महाराजा रंजीत सिंह अवार्ड के इंतजार में खिलाड़ी
पंजाब के प्रतिष्ठित महाराजा रंजीत सिंह अवार्ड का पिछले नौ साल से खिलाड़ी इंतजार कर रहे हैं। 2010 के बाद खिलाड़ियों को अभी तक यह प्रतिष्ठित अवार्ड प्रदान नहीं किया गया है।
लुधियाना [कृष्ण गोपाल]। पंजाब के प्रतिष्ठित महाराजा रंजीत सिंह अवार्ड का पिछले नौ साल से खिलाड़ी इंतजार कर रहे हैं। 2010 के बाद खिलाड़ियों को अभी तक यह प्रतिष्ठित अवार्ड प्रदान नहीं किया गया है। पिछली अकाली-भाजपा सरकार और अब कांग्रेस ने खेलों के लिए कई वादे किए, लेकिन यह वादे खोखले साबित हो गए। इसके पीछे खेल विभाग की लापरवाही कहें या फिर सरकारी दावे, नुकसान खिलाड़ियों को ही उठाना पड़ा रहा है। खिलाड़ियों का दूसरे राज्यों में पलायन करने के पीछे भी यह एक बहुत बड़ी वजह है।
1978 में हुई थी महाराजा रंजीत सिंह अवार्ड की शुरुआत
महाराजा रंजीत सिंह अवार्ड की शुरुआत 1978 में हुई थी। 1995 से 2005 तक इस अवार्ड को किसी कारणवश बंद कर दिया गया। यह वर्ष 2006-07 में दोबारा शुरू किया गया, जिसमें 1995 से 2005 तक जितने खिलाड़ियों ने मेडल जीत थे, उनको पुरस्कार राशि व ट्रॉफी दी गई। अब यह अवार्ड 2010 से बंद है। नई खेल नीति के अनुसार खिलाड़ियों को 5 लाख रुपये की नकद राशि व ट्रॉफी दी जाएगी।
किस श्रेणी में दिया जाता है अवार्ड
जिला खेल अधिकारी रविंदर सिंह ने कहा कि यह अवार्ड ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स, विश्व कप, एशियन चैंपियनशिप, कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप, विश्व यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप, रिकॉर्ड होल्डर आदि को दिया जाता है।
पंजाब सरकार ने 60 खिलाड़ियों को किया नामांकित
पंजाब सरकार ने महाराजा रंजीत सिंह अवार्ड के लिए अक्तूबर-नवंबर 2018 में 60 खिलाड़ियों को नामांकित किया था। इन खिलाड़ियों को अवार्ड जल्द देने की घोषणा की, लेकिन अभी तक तारीख तय नहीं है। 2019 का दूसरा माह शुरू हो गया है, लेकिन इस अवार्ड को लेकर खिलाड़ी अभी भी इंतजार कर रहे हैं।
खेल विभाग ने अवार्ड को लेकर दोबारा आवेदन मांगे
अभी 60 खिलाड़ियों को अवार्ड मिला नहीं था कि खेल विभाग पंजाब ने महाराजा रंजीत सिंह अवार्ड को लेकर पुन: आवेदन मांगे हैं। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि जो भी पद्मश्री, अर्जुन अवार्ड व खेल रत्न के खिलाड़ी लिस्ट में नहीं हैं, वह आवेदन कर सकते हैं। खासकर 2011 से पहले के भी खिलाड़ी इसमें आवेदन दे सकते हैं। इसके लिए 11 फरवरी तक ही आवेदन लिए जाएंगे।
लेटलतीफी ठीक नहीं
बास्केटबॉल के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अमृतपाल का कहना है कि लेटलतीफी नहीं होनी चाहिए, जिस खिलाड़ी का हक बनता है, उसे तुरंत सम्मानित कर देना चाहिए, ताकि वह आगामी प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन कर सके।
अवार्ड को लेकर तारीख नहीं आई...
बास्केटबॉल के ही अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अमजोत सिंह का कहना है कि गत वर्ष लगा था कि आखिरकार खिलाड़ियों की याद आ गई, वह भी सम्मान मिलने के साथ, लेकिन वर्ष नया आ गया है, लेकिन अवार्ड को लेकर तारीख नहीं आई। खेल विभाग को खिलाड़ियों के भविष्य का ख्याल रखना चाहिए, ताकि वह पंजाब ही नहीं देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर सकें।
अवार्ड जल्दी मिले
एथलेटिक्स के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अरपिंदर सिंह का कहना है कि आठ वर्ष का समय बीत गया है, लेकिन अवार्ड का समय कब आएगा, पता नहीं, सरकार को चाहिए कि अवार्ड जल्द दे।
अगले माह अवार्ड देने का विचार
खेल विभाग के डिप्टी डायरेक्टर करतार सिंह सैंबी का कहना है कि पद्मश्री, अर्जुन अवार्ड व राजीव गांधी खेल रत्न में अगर किसी खिलाड़ी का पुरस्कार बनता है तो वह खेल विभाग में अपना आवेदन दे सकता है, चाहे वो खिलाड़ी 2011 से पहले का ही क्यों न हो। प्रक्रिया को दो दिन शेष बचे हैं। इस अवार्ड को लेकर इस प्रक्रिया के बाद आगामी माह देने का विचार है।