जेएनएन, चंडीगढ़/लुधियाना। पटियाला में शिव सेना बाल ठाकरे के 'खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च' के दौरान हिंदू और गर्म ख्याली सिख संगठनों में टकराव के बाद पंजाब सियासत गरमा गई है। भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा ने पटियाला में हुए विवाद के लिए भगवंत मान सरकार को दोषी बताया है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 दिनों से दोनों ही गुट फेसबुक पर एक दूसरे को चुनौती दे रहे थे। इसके बावजूद सरकार और प्रशासन सोए रहे।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि इससे उस आशंका को और अधिक बल मिलता है जिसमें सिख फार जस्टिस का भगवंत सिंह पन्नू के वायरल वीडियो से पैदा हुई है। इसमें वो कह रहा था कि उन्होंने आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने में मदद की। अश्वनी ने प्रश्न किया कि क्या अब आप सरकार पन्नू की विचारधारा को आगे बढ़ा रही है। भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा पटियाला में काली माता मंदिर में माथा टेकने के लिए चंडीगढ़ से निकल रहे है। पटियाला के डीसी ने उन्हें नहीं आने के लिए कहा है।
रवनीत बिट्टू बोले, खालिस्तान कभी नहीं बनेगा
उधर, कांग्रेस नेता और लुधियान के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने ट्विटर पर लोगों से प्यार और भाईचारा बनाए रखने की अपील की। उन्होंने लिखा कि हिंदू और सिखों के बीच सदियों से प्रेम और सौहार्द है और विश्व के लिए एक उदाहरण है। मेरी लोगों से विनती है कि वह कुछ असामाजिक तत्वों के उकसावे में न आएं क्योंकि न तो खालिस्तान कभी था और न ही कोई इसे बना सकता है। हमें एक साथ शांतिपूर्वक रहना होगा।
यह था मामला
शुक्रवार सुबह शिवसेना बाल ठाकरे ने खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च निकाला। इसी दौरान पटियाला के प्रसिद्ध काली माता मंदिर के पास गर्म ख्याली सिख संगठन के सदस्य उनके विरोध में उतर आए। दोनों पक्षों के लोगों के हाथ में तलवारें थी। उनके बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई। देखेते ही देखते स्थिति बेकाबू होने लगी। एक निहंग सिख ने एसएचओ पर भी तलवार से हमला कर दिया। पुलिस को स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए करीब 15 राउंड हवाई फायर करने पड़े। दोपहर बाद सिख संगठन के सदस्य विरोध करते हुए फव्वारा चौक पर धरना देने बैठ गए हैं।
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