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    लुधियाना में हर किसी ने चखा पाकिस्तानी मिठाई तोशे का स्वाद, दर्शन स्वीट्स बना ब्रांड

    By Kuldeep Singh Edited By: Deepika
    Updated: Sat, 01 Oct 2022 10:33 AM (IST)

    चरणजीत सिंह बताते हैं कि तोशे खोए से बनते हैं। उनके पिता ने जब इन्हें बेचना शुरू किया तो इनका रेट 50 रुपये प्रति किलो रखा गया था। जैसे-जैसे दूध और दूसरे सामान का रेट बढ़ता गया तो इनका रेट अब 280 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है।

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    लुधियाना की दर्शन स्वीट्स में तोशा बनता है। (जागरण)

    कुलदीप काला, लुधियाना। इस्लाम गंज चौक में पाकिस्तान की मिठाई तोशे का स्वाद यहां की लगभग हर जुबां ने चखा है। 57 साल से दर्शन स्वीट्स शाप पर इनका जायका बच्चे-बच्चे की जुबान पर है। दर्शन स्वीट्स के नाम से चल रही इस दुकान का ब्रांड तोशे ही हैं। भले इनकी दूसरी मिठाइयां भी लोगों को भाती हैं मगर तोशे से ही तीन पीढ़ियों का नाम जुड़ा हुआ है।

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    तोशे खरीदने के लिए यहां बाद दोपहर लंबी लाइनें देखने को मिलती हैं। इस समय दुकान को चरणजीत सिंह और गुरदीप सिंह चला रहे हैं। वे बताते हैं कि आजादी के बाद भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के साथ ही तोशे पाकिस्तान के लायलपुर से आए पंजाबी अपने साथ ले गए थे। उनके पिता दर्शन सिंह बंटवारे के बाद लुधियाना आए थे और यहां पर मिठाई का काम करने लगे थे।

    उनके कुछ जानकार फाजिल्का में रहते थे और अक्सर पाकिस्तान से आए लोग उनसे वहां से तोशे मंगवाते थे। एक दिन भापा जी ने वहां से इसकी रेसपी ली। उसमें कुछ और चीजें एड कर तोशे यहां बनाने शुरू कर दिए। तभी से इसके शौकीन लोग 200 किलोमीटर दूर जाने के बजाय उनसे ही तोशे लेकर जाते हैं।

    अब 280 रुपये किलो खरीदते हैं लोग

    चरणजीत सिंह बताते हैं कि तोशे खोए से बनते हैं। उनके पिता ने जब इन्हें बेचना शुरू किया तो इनका रेट 50 रुपये प्रति किलो रखा गया था। जैसे-जैसे दूध और दूसरे सामान का रेट बढ़ता गया तो इनका रेट अब 280 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। लोग इसे बड़े शौक से खाते हैं।

    आधे देश में हो रहे सप्लाई

    फील्ड गंज एरिया में कूचों के नाम से गलियां मशहूर हैं। यहां पुरुषों के जूतों, महिलाओं के सेंडल का काम होता है। यहां पर उत्तर भारत के व्यापारी माल की खरीदो फरोख्त करने के लिए आते हैं और उनसे तोशे लेकर जाते हैं। यही कारण है कि उनके पास दिल्ली, मुंबई, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से लोग आर्डर देकर तोशे मंगवाते हैं। वह ट्रेन और बस के जरिए यह तोशे उन तक पहुंचाते हैं।

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