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    ओमिक्रोन ने बदला लुधियाना की इंडस्ट्री का ट्रेंड, विदेशी टूर हुए बंद; डिजिटल से हो रहा व्यापार

    By Vinay KumarEdited By:
    Updated: Mon, 27 Dec 2021 07:46 AM (IST)

    लुधियाना के कारोबार में ओमिक्रोन ने बड़े बदलाव किए हैं हर साल कारोबारी सैंपलिंग से लेकर उत्पादों की बिक्री के लिए विदेशी टूर करते रहे हैं। लेकिन पिछले दो सालों से इसमें भारी गिरावट दिखी है। अब सैंपलिंग व बिक्री डिजिटल के माध्यम से ही की जा रही है।

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    ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे ने लुधियाना के कारोबार में बड़े बदलाव किए हैं।

    लुधियाना [मुनीश शर्मा]। कोविड के बाद ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे ने लुधियाना के कारोबार में बड़े बदलाव किए हैं, हर साल पांच हजार से अधिक कारोबारी सैंपलिंग से लेकर उत्पादों की बिक्री के लिए विदेशी टूर करते रहे हैं। लेकिन पिछले दो सालों से इसमें भारी गिरावट देखने को मिली है और अब सैंपलिंग से लेकर बिक्री के लिए डिजिटल के माध्यम से ही व्यापार किया जा रहा है। बात सैंपलिंग की करें, तो भारतीय गारमेंट्स फैशन इंडस्ट्री में विदेशी भ्रमण कर कारोबारी डिजाइनिंग पर फोकस करते रहे हैं और पंजाब खासकर लुधियाना के हौजरी व गारमेंट्स कारोबारी चीन, टर्की, यूरोप, दुबई का भ्रमण कर सैंपलिंग के लिए जाते हैं। लेकिन पिछले दो सालों से कोविड के चलते सैंपलिंग के लिए कारोबारी विदेश नहीं जा रहे हैं और अब डिजिटल के माध्यम से ही व्यापार की रूपरेखा तैयार की जा रही है। ऐसे में डिजिटल पर इंडस्ट्री की निर्भरता तेजी से बढ़ रही है।

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    वहीं भारतीय युवाओं का ट्रेंड बदलाव और नए डिजाइन को लेकर कांसैप्ट उभरकर सामने आ रहा है। एक्सपोर्टरों की ओर से अब देर शाम इंटरनेशनल बायर से डिजिटल झूम सहित कई विकल्पों में वार्ता की जाती है और कारोबार में डिजिटल प्रेंजेटेशन का कांसैप्ट तेजी से अग्रणी हुआ है। इससे पंजाब में डिजिटल और आईटी से जुड़े प्रोफेशनल की मांग में भी तेजी से इजाफा देखने को मिल रहा है। कजारो ब्रांड के एमडी संजय कपूर के मुताबिक गारमेंट्स इंडस्ट्री मुख्य रुप से फैशन और ट्रेंड का हिस्सा है। ऐसे में इसको लेकर लुधियाना के गारमेंट्स की मांग देश ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल मार्केट में तेजी से बढ़ रही है।

    इसलिए हर कंपनी गारमेंट्स के निर्माण से पूर्व देश विदेश के ट्रेंड को समझने के लिए विदेश का भी भ्रमण करती रही है। लेकिन पिछले दो सालों से इसमें कई तरह के बदलाव देखने को मिलें है और अब इंडस्ट्री इंटरनेशनल मार्केट का भ्रमण किए बिना ही अपने युवा डिजाइनरों के डिजाइनों को अपना रही है। इसके अच्छे नतीजे भी मिल रहे हैं और इसे केवल भारत ही नहीं इंटरनेशनल मार्केट में भी सराहा जा रहा है। लेकिन कई उत्पादों के लिए अभी भी इंडस्ट्री विदेशी बाजारों पर ही आधारित है। जो कास्टिंग के साथ साथ ट्रेंड सेट के लिए अहम है।

    पैरामाउंट इंपेक्स के सीएमडी राकेश कपूर के मुताबिक पिछले दो सालों से व्यापार के तौर तरीकों में भारी अंतर आया है। अब डिजिटल के माध्यम से ही व्यापार हो रहा है। इसके लिए हमें अपने प्रोडक्ट की डिजिटल प्रेंजेटेशन के लिए स्किलड़ और क्रिएटिव डिजाइर्स की आवश्यकता पड़ रही है। ताकि उत्पादों की बेहतर फोटोग्राफी के साथ साथ डिजिटल के माध्यम से उत्पादों की बेहतर प्रेंजेटेशन दी जा सके। इसके साथ ही अब प्रदर्शनियां भी डिजिटल हो रही है, जो व्यापार के तौर तरीकों में बदलाव कर रहा है।