भगवान महावीर का निर्वाण कल्याणक व गौतम स्वामी का केवल ज्ञान दिवस मनाया
सिविल लाइंस जैन स्थानक में उत्तर-भारतीय प्रवर्तक पीयूष मुनि म. के सानिध्य में 24वें तीर्थकर भगवान महावीर स्वामी का निर्वाण कल्याणक तथा गणधर गौतम स्वामी का केवल ज्ञान दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया गया।
संस, लुधियाना : सिविल लाइंस जैन स्थानक में उत्तर-भारतीय प्रवर्तक पीयूष मुनि म. के सानिध्य में 24वें तीर्थकर भगवान महावीर स्वामी का निर्वाण कल्याणक तथा गणधर गौतम स्वामी का केवल ज्ञान दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर भारी संख्या में श्रावक श्राविकाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
पीयूष मुनि ने कहा कि कार्तिक अमावस्या की अर्द्ध-रात्रि में 72 वर्ष की आयु में भगवान महावीर ने चार आघातिक कर्मो का नाश करके पंचभौतिक शरीर त्याग कर परिनिर्वाण को प्राप्त किया। उस समय अठारह गणराज्यों के प्रमुख शासक उनके चरणों में पौषध की आराधना कर रहे थे। उस आध्यात्मिक सूर्य के विलीन हो जाने पर बाहरी अन्धकार को दूर करने के लिए रजत, स्वर्ण तथा हीरकमयी दीपक जलाए गए थे। भगवान महावीर ने अपने निर्वाण के समय को निकट जानकार अपने प्रति विशेष अनुसम रखने वाले गणधर गौतम को देव शर्मा ब्राह्माण को प्रतिबोध देने के लिए भेज दिया था। भगवान महावीर के निर्वाण का समाचार सुनकर गौतम स्वामी अतीव विकल हुए और भगवान को निष्ठुर बतलाते हुए उन्हें उनहाने देने लगे, परंतु मोह का आवरण ज्ञान के प्रकाश से कुछ ही समय में हट गया। इस प्रकार गौतम स्वामी मोहरहित होकर केवल ज्ञान से संपन्न होकर हाथ की रेखाओं की तरह ब्रह्मांड के सारे चराचर पदार्थो को देखने लगे। उन्होंने वीर निर्वाण संवत 2545 के सभी श्रावक श्राविकाओं के लिए मंगलमयी होने की शुभ भावना व्यक्त की।
इस अवसर पर भगवान महावीर तथा गौतम स्वामी का सामूहिक जाप किया गया। उप-प्रवर्तक श्री पीयूष मुनि महाराज द्वारा दीपावली, भाई दूज के लिए विशेष जाप उपरांत मंगल पाठ सुनाया। इस दौरान श्री घण्टाकर्ण महावीर देवता के प्रसाद के रुप में अभिमंत्रित एवं सिद्ध रक्षा पोटलियां बांटी गईं।
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