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    Civil Hospital के कायाकल्प के लिए NGO के साथ बैठक, मांगा सहयोग Ludhiana News

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    Updated: Sat, 10 Aug 2019 10:59 AM (IST)

    बैठक में एनजीओ से कहा कि सिविल अस्पताल को कुछ इक्यूपमेंटस व्हीलचेयर व अन्य सामान की जरूरत है। एनजीओ अपनी इच्छा व समर्था अनुसार अस्पताल की मदद कर सकती ...और पढ़ें

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    Civil Hospital के कायाकल्प के लिए NGO के साथ बैठक, मांगा सहयोग Ludhiana News

    लुधियाना, जेएनएन। जिले का सिविल अस्पताल पिछले लंबे अर्से से सुविधाओं और संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। कभी अस्पताल में एक्सरे फिल्म नहीं होती है, तो कभी दवा की कमी हो जाती है। कई बार तो लैब में टेस्ट के लिए सीरींज तक उपलब्ध नहीं होती। अस्पताल प्रबंधन हर बार चंडीगढ़ में बैठे सेहत व परिवार भलाई विभाग और पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ मंत्री तक गुहार लगाता है। लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिलता। ऐसे में सिविल अस्पताल प्रबंधन ने एक नई पहल करते हुए शहर की एनजीओ के साथ मिलकर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का कदम उठाया है।

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    इसी के तहत शहर की साठ एनजीओ की मीटिंग बुलाई गई। मीटिंग की अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार बग्गा ने की। अस्पताल के एसएमओ डॉ. अविनाश जिंदल ने एनजीओ पदाधिकारियों को अस्पताल में दी जा रही इलाज सुविधाओं व जरूरतों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बग्गा ने कहा कि सिविल में जिले भर से मरीज इलाज के लिए आते हैं। अगर एनजीओ सहयोग दें तो सिविल अस्पताल का कायाकल्प करके इसे पंजाब का नंबर वन अस्पताल बनाया जा सकता है।

    उन्होंने एनजीओ से कहा कि सिविल अस्पताल को कुछ इक्यूपमेंटस, व्हीलचेयर व अन्य सामान की जरूरत है। एनजीओ अपनी इच्छा व समर्था अनुसार अस्पताल की मदद कर सकती हैं। इसके बाद ज्यादातर एनजीओ ने अस्पताल को अपना सहयोग देने की बात कही।

    सिविल वर्क व इंफ्रास्ट्रक्चर में भी मांगा सहयोग

    डॉ. जिंदल ने कहा कि अस्पताल में सड़के खस्ताहाल है। सीवरेज पाइप टूट चुकी है। बाथरूम के दरवाजे व खिड़कियां रिपेयर करने वाली हैं। इनको बनाने के लिए नगर निगम से कई बार अपील की गई, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में एनजीओ से अपील की कि वह नगर निगम से संपर्क करके अस्तपाल की खस्ताहाल सड़कों को बनवाने में मदद करें।

    एनजीओ के समक्ष रखी यह डिमांड

    चार लेबर टेबल, सर्जरी ओटी इंस्ट्रूमेंट्ले, प्रोस्कोपिक इंस्ट्रूमेंट्स, दो ओटी सीलिंग लाइट्स, इएनटी ओटी इंस्ट्रूमेंट, एक ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप, दो कंप्यूटराइज इसीजी मशीन, 12 लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट बिन्स, 50 पीस पेशेंट्स चेयरर्स थ्री सीटर, 50 स्टील रैक, 50 फ्लाई कैचर, 100 पर्दे, 24 सीसीटीवी कैमरे विद डीवीआर एंड फिटिंग, 50 नए पंखे, 10 एसी, 50 एग्जोस्ट फैन, 1500 बेडशीट, 100 बलेंकेटस व 100 पिल्लो, 10 पोर्टेबल इमरजेंसी लाइट, कैमिकल फॉर लांडरी, दस फॉगिग मशीन, 50 बिन्स जनरल वेस्ट के लिए, 20 व्हीलचेयर, 20 ट्राली व 40 गीजर व हीटर, 25 ऑफिस टेबल व 50 ऑफिस चेयर, अल्ट्रासाउंड डिपार्टमेंट के लिए कंप्यूटर सिस्टम व प्रिंटर, तीन अलमारी रिकार्ड रखने के लिए, एक-एक ऑटो क्लेव व हॉट ओवन।

    कई एजनीओ मदद के लिए आई आगे

    पहली मीटिंग में ही कुछ एनजीओ ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए हैं। इनमें दविंदर संधू इम्पेक्स लिमिटेड के एमडी बलदेव संधू शनिवार तक 50 थ्री सीटर, 30 सीलिंग फैन व 15 एग्जोस्ट फेन देंगे। इसके अलावा नील कंठ सेवा समिति से नीरज वशिष्ठ ने अस्पताल को बीस सीलिंग फैन देने और पांच साल तक उनकी मेंटेनेंस करने की बात कही।

    कुछ एनजीओ सदस्यों ने मीटिंग के अंत में किया हंगामा

    जैसे ही मीटिंग खत्म हुई तो दो एनजीओ के सदस्यों ने अलग-अलग मुददों को लेकर हंगामा किया। एक ने तो करीब पंद्रह मिनट तक शहर में खस्ताहाल सड़कों, सफाई व सीवरेज व्यवस्था के बदतर हालात के लिए सरकार को कोसा। जबकि दूसरी एनजीओ ने भ्रष्टाचार का इश्यू उठाया। इस पर डॉ. राजेश बग्गा ने दो टूक शब्दों में कहा कि यह मीटिंग सिविल अस्पताल को बेहतर बनाने को लेकर रखी गई है। मीटिंग का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। जिले में सेहत सुविधाओं को लेकर कोई शिकायत है, तो उन्हें बताया जां। जिसके बाद एनजीओ के सदस्य शांत हो गए।

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