सिर के दर्द को हल्के में न लें : डॉ. डीपी सिंह
जागरण संवाददाता, लुधियाना : अकसर लोग सिरदर्द होने पर पेन किलर को प्राथमिकता देते हैं,
जागरण संवाददाता, लुधियाना :
अकसर लोग सिरदर्द होने पर पेन किलर को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों का मानना है कि सिरदर्द की अनदेखी जानलेवा साबित हो सकती है। उनक अनुसार ज्यादा पेन किलर लेने से ब्रेन हैमरेज होने की संभावना बढ़ जाती है।
एसपीएस अस्पताल के ब्रेन एंड स्पाइन सर्जरी विभाग के सीनियर कंसल्टेट डॉ. डीपी सिंह के अनुसार सिरदर्द एक आम समस्या है। लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते। एक केस का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि एसपीएस अस्पताल में 60 वर्षीय एक ऐसी महिला मरीज आई, जिसे आधी रात को सिरदर्द हुआ। जब उसने इस बारे में पति को बताया तो उन्होंने पेन किलर दवा दे दी। अगले सुबह वह उठ नहीं सकी। अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि पेन किलर की वजह से उसके ब्रेन एन्युरिज्म में हैमरेज हो गया, जिससे उसकी नकसीर फूट गई थी।
उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले तक इस हैमरेज का इलाज केवल सर्जरी ही थी, लेकिन एंडोवैस्कुलर कॉयलिंग तकनीक ने इसके इलाज में क्रांति ला दी है। डॉ. सिंह के मुताबिक सिरदर्द से हुए तनाव की वजह से ब्रेन की नाड़ियों की दीवार में फैलाव हो जाता है, जिसकी वजह से यह पतली होने लगती है। हल्का सा सिरदर्द बढ़ने पर यह दीवार फट सकती है। इस स्थिति के ब्रेन एन्युरिज्म का हैमरेज कहा जाता है। हर 18 मिनट में इस तरह के हैमरेज होते है। 40 फीसद मामले काफी घातक होते है। ऐसे मामलों में 15 फीसद लोग अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ जाते है। हाई ब्लड प्रेशर इसका बड़ा कारण है। इसके अलावा ड्रग लेना और इंफेक्शन भी हैमरेज का कारण बनता है। आंख के नीचे दर्द होना और एन्युरिज्म की वजह से सिर में तेज दर्द होना हैमरेज के लक्षण हैं। इन्हें नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। सर्जरी केबेहतर विकल्प के रूप में एंडोवैस्कुलर कॉयलिंग एक कम नुकसान वाली प्रक्रिया है। इसमें कोई चीरा नहीं लगता। इस ऑपरेशन से मरीज अगले ही दिन अपने घर जा सकता है।
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