Nabha Jail Break Case: 18 दोषियों को 10 साल कारावास, दो को 20 साल की मिली सजा, ये थे पूरा मामला
सजा सुनाए जाने के बाद बचाव पक्ष के वकीलों ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ पंजाब हाईकोर्ट में अपील दायर करेंगे। बचाव पक्ष की तरफ से एडवोकेट सुमेश जैन वकील एसएस सग्गू एडवोकेट डा. शैली सहित करीब दस वकील अदालत में पेश हुए थे।
पटियाला एजेंसी। पटियाला की अदालत ने गुरुवार को 2016 के सनसनीखेज नाभा जेल ब्रेक मामले में तीन गैंगस्टर और दो जेल कर्मचारियों सहित 18 दोषियों को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई, जबकि दो अन्य को ड्रग पेडलिंग के अतिरिक्त आरोपों में 20 साल की सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश एचएस ग्रेवाल की अदालत ने एक दोषी को पांच साल और दूसरे को तीन साल की सजा भी सुनाई। इस मामले में कुल 28 आरोपियों में से 22 को अदालत ने मंगलवार को दोषी ठहराया था और छह अन्य को बरी कर दिया था। इन आरोपितों के खिलाफ मंगलवार को जज एचएस ग्रेवाल ने दोष तय करने के बाद गुरुवार को फैसला सुनाया है।
वहीं सजा सुनाए जाने के बाद बचाव पक्ष के वकीलों ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ पंजाब हाईकोर्ट में अपील दायर करेंगे। बचाव पक्ष की तरफ से एडवोकेट सुमेश जैन, वकील एसएस सग्गू, एडवोकेट डा. शैली सहित करीब दस वकील अदालत में पेश हुए थे। यह फैसला अदालत ने गुरुवार को दोपहर बाद सुनाया था और आरोपितों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा पेशी करवाई गई थी। यह आरोपित तकरीबन सात साल से अधिक समय से जेल बंद हैं। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि बाकी की सजा को लेकर हाईकोर्ट में अपील दायर करेंगे।
कोर्ट ने सभी आरोपितों को विभिन्न धाराओं के तहत सजा हुई है। नशा तस्करी के मामले में सुखचैन सिंह व बिक्कर सिंह को अलग से सजा काटनी होगी। वहीं आरोपित सुनील कालरा को 212 आईपीसी की धारा में तीन साल की सजा हुई है। गुरप्रीत मांगेवाल को आर्मज एक्ट में पांच साल व आईपीसी की धारा 489 में एक साल कैद की सजा सुनाई है।
यह लोग बरी हुए
वहीं इस मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए आरोपित नरेश नारंग, रविंदर विक्की, रणजीत सिंह, नाभा के हलवाई व जेल में सामान पहुंचने के आरोप में गिरफ्तार किए तेजिंदर शर्मा, मोहम्मद आसिम व जतिंदर को बरी कर दिया है। साल 2016 के इस मामले में अदालत ने साढ़े सात साल के बाद उक्त लोगों को दोषी करार दिया है।
जेल ब्रेक करने के मामले में हरजिंदर संह उर्फ विक्की गौंडर गैंगस्टर व प्रेमा लाहौरिया गैंगस्टर का साल 2018 में पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था, जबकि खालिस्तानी लिब्रेशन फोर्स से जुड़े आतंकी हरमिंदर सिंह मिंटू की जेल में बीमारी के चलते मौत हो गई थी।
ऐसे हुई थी नाभा जेल ब्रेक
नाभा जेल में बंद गैंगस्टर विक्की गौंडर ने जेल ब्रेक की योजना बनाई थी, जिसके बाद अन्य आरोपित उसके साथ जुड़ गए थे। 27 नवंबर 2016 को गैंगस्टर गुरप्रीत सेखों व गौंडर जेल के मुख्य गेट के नजदीक खड़े थे। इस दौरान पुलिस वर्दी व असलहा लेकर पहुंचे इनके साथियों ने फायरिंग करते हुए अपने साथियों को छुड़ाया था और इसी दौरान आतंकी मिंटू भी गैंगस्टर के साथ फरार हो गया था। जेल ब्रेक की वारदात को जेल के असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट की मदद से प्लान किया गया था और इस वारदात के लिए हांगकांग से इंडिया आए रमनजीत सिंह रोमी ने फंडिंग की थी। वहीं जेल ब्रेक में बाहर से साथी जुटाने के लिए पुलिस कस्टडी से भागे पलविंदर सिंह पिंदा ने मदद करते हुए भागने तक का नक्शा बनाया था। जेल ब्रेक करने के लिए दस से अधिक आरोपित गाड़ियों में सवार होकर आए थे और पुलिस की वर्दी पहनकर आरोपितों ने संतरी से गेट खुलवाया था।