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    मिशन जीवनज्योत-2: लुधियाना और नवांशहर से भीख मांग रहे 21 बच्चों को छुड़वाया, 4 दिन में 62 बच्चे मुक्त

    Updated: Sun, 20 Jul 2025 11:34 PM (IST)

    लुधियाना और नवांशहर में मिशन जीवनज्योत-2 के तहत 21 बच्चों को भीख मांगने से बचाया गया। कुल 62 बच्चे अब तक मुक्त कराए गए हैं जिन्हें बाल घरों में रखा गया है। मंत्री बलजीत कौर ने बताया कि बच्चों के माता-पिता के प्रमाण न देने पर डीएनए टेस्ट होगा। बाल भिक्षावृत्ति को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

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    सड़क पर भीख मांगते बच्चे, सांकेतिक फोटो

    जागरण टीम, लुधियाना/नवांशहर। राज्य में भीख मांगने वालों के खिलाफ शुरू किए गए मिशन जीवनज्योत-2 के चौथे दिन रविवार को लुधियाना और नवांशहर में 21 बच्चों को प्रशासन ने बचाया। इनमें लुधियाना से 18 और नवांशहर के बलाचौर से तीन बच्चे शामिल हैं। राज्य में चार दिन में ही 62 बच्चों को भीख मांगने से मुक्त करवाया जा चुका है।

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    मुक्त करवाए गए सभी बच्चों को प्रशासन ने अपनी देखरेख में बाल घरों में रखा है और इन्हें अपना बताने वालों से इसके सुबूत मांगे हैं। सुबूत नहीं देने पर इन बच्चों का डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा। यह जानकारी खुद सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डा. बलजीत कौर ने दी।

    रविवार को लुधियाना में जिला बाल संरक्षण अधिकारी रश्मि सैनी की देख रेख में कमिश्नरेट पुलिस, रेलवे सुरक्षा बल, चाइल्डलाइन और बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) के प्रतिनिधियों के साथ रेलवे स्टेशन, बस स्टेंड और चौड़ा बाजार में बच्चों से भीख मांगवा रहे लोगों के खिलाफ अभियान चलाया गया। इस दौरान 21 बच्चों को मुक्त करवाया गया।

    रश्मि सैनी ने बताया इन सभी बच्चों को दोराहा से प्रोटेक्शन होम में रखा गया है। इसी तरह नवांशहर के बलाचौर ब्लाक में सामाजिक सुरक्षा एवं बाल विकास विभाग की टीम ने जिला प्रोग्राम अधिकारी जगरूप सिंह की देखरेख में भीख मांग रहे तीन बच्चों को छुड़वाया।

    बता दें कि इससे पहले वीरवार को अमृतसर में पांच, मोहाली में 12, शुक्रवार को बठिंडा में 18 और शनिवार को अमृतसर में छह बच्चों को छुड़वाया गया था। भिक्षावृत्ति को जड़ से किया जाएगा खत्म : डा. बलजीत कौरसामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डा. बलजीत कौर ने कहा कि राज्य से बाल भिक्षावृत्ति की भयावह समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए ही मिशन जीवनज्योत-2 चलाया गया है।

    इसके तहत सामाजिक सुरक्षा विभाग की जिला कल्याण टीमें अपने-अपने क्षेत्रों में इस प्रकार की चेकिंग और छापेमारी लगातार जारी रखेंगी, ताकि एक भी बच्चा भीख मांगने के लिए मजबूर न हो।

    उन्होंने कहा कि यदि जांच के दौरान यह सिद्ध होता है कि किसी व्यक्ति द्वारा इन बच्चों को भीख मांगने के लिए मजबूर किया गया है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि अगर किसी बच्चे के माता-पिता होने को लेकर शक होता है, तो बाल कल्याण समितियों द्वारा डिप्टी कमिश्नर के आदेशों के तहत डीएनए जांच भी करवाई जा सकती है, ताकि बच्चों की वास्तविक पहचान का पता लगाया जा सके।

    बच्चे को भीख देने के बजाय 1098 पर दें सूचना

    डॉ. बलजीत कौर ने कहा पंजाब सरकार का सीधा उद्देश्य है कि हर बच्चे को सुरक्षित और बेहतर भविष्य वाला जीवन मिले। उन्होंने राज्य के लोगों से अपील की कि किसी भी बच्चे को भीख न दें और यदि कहीं कोई बच्चा भीख मांगता नज़र आए, तो तुरंत 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन पर सूचना दें, ताकि उस बच्चे को तुरंत इससे मुक्त करवाया जा सके।