प्रतिक्रमण शब्द का अर्थ वापस लौटना : साध्वी मुक्ता म.
एसएस जैन स्थानक 39 सेक्टर में महासाध्वी डा. पुनीत ज्योति महाराज ठाणा-7 के सानिध्य में रविवार को नवकार मंत्र के पाठ का आयोजन किया गया। ...और पढ़ें

संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक 39 सेक्टर में महासाध्वी डा. पुनीत ज्योति महाराज ठाणा-7 के सानिध्य में रविवार को नवकार मंत्र के पाठ का आयोजन किया गया। श्रावक-श्राविकाओं ने बढ़-चढ़कर उपस्थित दर्ज कराई। इस दौरान 100 से अधिक पोषध हुए श्रावक श्राविकाओं ने संवत्सरी की रात्रि प्रतिक्रमण किया और सभी से क्षमा याचना की। इस अवसर पर साध्वी मुक्ता महाराज ने कहा कि इस पवित्र पर्व दिवसों में आप अपनी आत्मा का निरीक्षण और परीक्षण करके देखों कि आपका जीवन आसुरी जीवन तो नहीं है। अपने जीवन को दिव्यता और आध्यत्म की ओर ले जाने का प्रयत्न करें। जो शुभ अवसर हाथ लगा है? कि उसे सफल और सार्थक करने का प्रयत्न कीजिए। आप इन दिनों में उपवास करते है। परंतु क्या कभी आपने विचार किया कि उपवास शब्द का अर्थ है? उपवास का अर्थ- भूखा रहना ही नहीं है। आप फिर आत्मा में समीप आ जाए। प्रतिक्रमण शब्द का अर्थ भी यही है? कि वापस लौटना। कहां से वापस लौटना? पाप से, दोष से बुराई से। अपने मन की सौम्यता को प्रकट होने दीजिए। क्रूरता अपने आप नष्ट हो जाएगी। अपने मन की मुदुता को व्यक्त होने दीजिए
इस अवसर पर संरक्षक महेंद्र पाल जैन, मुख्य सलाहकार हजारी लाल जैन, अध्यक्ष विनोद जैन, महामंत्री नीतिन जैन, अनूप जैन, संजीव जैन, राकेश जैन, नवल जैन, सहित समस्त कार्यकारिणी सदस्यग आदि मौजूद रहे।

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