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    लुधियाना का मत्तेवाड़ा टैक्सटाइल पार्क पंजाब को रेगिस्तान बनाने का नींव पत्थर, विरोध में उतरी 50 जत्थेबंदियां

    By Vipin KumarEdited By:
    Updated: Sat, 02 Jul 2022 08:15 AM (IST)

    लुधियाना के मत्तेवाड़ा टैक्सटाइल पार्क का मामला एक बार फिर गर्मा गया है। जत्थेबंदियों ने राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सींचेवाल और स्पीकर कुलतार सिंह संधवा काे भी घेरते हुए सवाल पूछा है कि क्या यह पार्क लगना चाहिए या नहीं।

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    मत्तेवाड़ा जंगली क्षेत्र में टैक्सटाइल पार्क बनाने के फैसले का विराेध। (सांकेतिक तस्वीर)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब की करीब 50 जत्थेबंदियां सरकार की ओर से मत्तेवाड़ा जंगली क्षेत्र में टैक्सटाइल पार्क बनाने के फैसले के विरोध में उतर आई हैं। जत्थेबंदियों ने एक सुर में कहा है कि प्रस्तावित टैक्सटाइल पार्क बनाना पंजाब को रेगिस्तान बनाने का नींव पत्थर रखने जैसा है। सभी ने 10 जुलाई को मत्तेवाड़ा में एकत्रित होने का निर्णय लिया। जत्थेबंदियों ने पंजाब सरकार को चेतावनी दी कि जंगली एरिया के अस्तित्व बचाने के लिए हर तरह की लड़ाई लड़ेंगे।

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    जत्थेबंदियों ने राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सींचेवाल व स्पीकर कुलतार सिंह संधवा से सवाल पूछा कि क्या यह पार्क लगना चाहिए या नहीं। जत्थेबंदियों के नेता सीएल लखनपाल, कुलदीप सिंह खैहरा, जसकीरत सिंह, गुरप्रीत सिंह, डा. अमनदीप सिंह बैंस, रणजोध सिंह डा. बलजीत कौर ने कहा कि सरकार ने टैक्सटाइल पार्क बनाने की घोषणा की है, लेकिन विपक्ष में होते हुए भगवंत मान, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, स्पीकर कुलतार सिंह संधवा, विधायक सरबजीत कौर माणूके सहित कई अन्य ने मत्तेवाड़ा का दौरा करके पंजाब के पानी, सतलुज दरिया को बचाने के लिए इस पार्क का विरोध किया था। अब सत्ता में आने के बाद सरकार पुरानी राह पर चल पड़ी है।

    10 को मत्तेवाड़ा में होगा इकट्ठ

    पंजाब घनैया कैंसर रोको सेवा सोसाइटी के प्रधान गुरप्रीत सिंह चंदबाजा ने कहा कि तथाकथित विकास ने धरती हवा व पानी जहरीला कर दिया है। लुधियाना की औद्योगिक इकाईयों का जहरीला पानी मालवा को प्रभावित कर रहा है। साढ़े तीन साल तक के बच्चे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के शिकार हो गए हैं। इंडस्ट्री के नाम पर लोगों के जीने का अधिकार छीना जा रहा है।

    समाज सेवी जसकीरत सिंह व कपिल देव व डा. अमनदीप सिंह ने कहा कि वह उद्योग लगाने के खिलाफ नहीं पर उद्योगाें के नाम पर लोगों को बीमारियां दी जा रही हैं। रणजोध सिंह ने कहा कि गोइंदवाल क्षेत्र में 12 हजार एकड़ एरिया इंडस्ट्री के लिए काफी लंबे समय आरक्षित है, वहां पर इंडस्ट्री लगाई जा सकती है। इससे पार्क को बचाया जा सकता है।